November 23, 2024     Select Language
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सिर्फ एक लाइन और जिंदगीभर भरपूर सम्मान-सुख

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कोलकाता टाइम्स : 

स्तरेखा शास्त्र में वैसे तो बारीक से बारीक और छोटी से छोटी रेखा का बड़ा महत्व होता है किंतु कुछ रेखाएं ऐसी होती हैं जिनका उत्तम कोटि का होना अत्यंत आवश्यक है। इन्हीं में से एक रेखा है सूर्य रेखा। हथेली में अनामिका अंगुली के मूल में सूर्य पर्वत होता है। हथेली के किसी भी भाग से सूर्य पर्वत तक पहुंचने वाली रेखा ही सूर्य रेखा कहलाती है। सूर्य रेखा का उद्गम स्थल अलग-अलग हो सकता है किंतु समाप्ति स्थान सूर्य पर्वत ही होता है इसलिए यह सूर्य रेखा कहलाती है। जहां से इस रेखा का उद्गम होता है उस स्थान का प्रभाव भी जातक के जीवन पर पड़ता है।

सूर्य रेखा के कुछ प्रमुख उद्गम स्थल यह रेखा शुक्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत तक पहुंचती है। जीवन रेखा के समाप्ति स्थान से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत तक जाती है। मंगल पर्वत से प्रारंभ होकर हृदय रेखा को काटती हुई पहुंचती है। मस्तिष्क रेखा से प्रारंभ होती है। हृदय रेखा से भी सूर्य रेखा का उद्गम होता है। चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत तक जाती है। इसी तरह सूर्य रेखा के अनेक उद्गम स्थल हो सकते हैं।

सूर्य रेखा का प्रभाव लंबी, स्पष्ट और सीधी सूर्य रेखा यश, मान, प्रतिष्ठा प्रदान करती है।

दोनों हाथों में यह रेखा स्पष्ट हो तो व्यक्ति पूर्ण सफलता प्राप्त करता है।

यह रेखा बिना कटी-फटी, पूर्ण लंबाई लिए हो तो जातक को किसी चीज की कमी नहीं रहती। छोटी सूर्य रेखा व्यक्ति को कड़े परिश्रम और संघर्षो के बाद सफलता देती है। सूर्य रेखा जिस जगह कट जाती है आयु के उस भाग में वह अपना व्यापार कार्य बदल लेता है।

यदि हथेली गहरी हो और सूर्य रेखा स्पष्ट हो तो उस व्यक्ति की प्रतिभा का सही उपयोग नहीं होता है।

यदि सूर्य रेखा पतली या फीकी हो तो वह व्यक्ति अपनी कला का पूरा-पूरा उपयोग नहीं कर पाता। सूर्य रेखा के मार्ग में द्वीप का चिह्न हो तो वह दिवालिया हो जाता है। अपयश मिलता है।

यदि बृहस्पति पर्वत मजबूत हो और सूर्य रेखा गहरी हो तो व्यक्ति के संबंध अत्यंत ऊंचे लोगों से होते हैं।

– सूर्य रेखा पर तारे का चिह्न हो तो व्यक्ति अपनी कला के माध्यम से विश्वव्यापी सफलता प्राप्त करता है। हथेली में सूर्य रेखा जिस स्थान पर सबसे अधिक गहरी होती है आयु के उस भाग में व्यक्ति को विशेष धन लाभ होता है। सूर्य रेखा के अंत में बिंदु हो तो व्यक्ति अत्यधिक कष्ट उठाना पड़ता है। अंत में सफलता मिलती है। सूर्य रेखा के अंत में नक्षत्र का चिह्न हो तो व्यक्ति को राष्ट्रव्यापी सफलता मिलती है। सूर्य रेखा की समाप्ति पर अनेक छोटी-छोटी रेखाएं हो तो व्यक्ति को असफलता ही मिलती है।

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