मिर्गी के दौरे आने पर भूल से भी न सूंघाए जूते-मौजे, जानें क्या करें और क्या नहीं
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कोलकाता टाइम्स :
मिर्गी, जिसे सीजर डिसऑर्डर भी कहते हैं। ये चौथी सबसे आम तंत्रिका संबंधी बीमारी है। जब कभी किसी को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो, आप जानते होंगे कि वो स्थिति कठिन होती है क्यों कि मरीज को झटके लग रहे होते है तो परिजन उसे रोकने के कई तरीके अपनाते हैं, जैसा कि हाथ-पांव पकड़ना और मौजे सूंघना। यदि आपको या किसी प्रियजन को मिर्गी है या नहीं, यहां कुछ चीजें हैं जो आपको जाननी चाहिए। ताकि अगर आपको, या आपके जानने वाले को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो आपको पता हो क्या करना है। आइए जानते है किसी को मिर्गी का दौरा आने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्या है मिर्गी
हमारे दिमाग में हज़ारों सर्किट होते हैं जिनके अंदर करंट का फ्लो होता है। अगर इनमें से किसी सर्किट में शॉर्ट सर्किट हो जाए तो उसके चलते जो हमारे शरीर में लक्षण पैदा होंगे उसे सीज़र यानी मिर्गी का दौरा कहते हैं। आम भाषा में इसे आसानी से समझे तो हमारे दिमाग तक कोई भी बात छोटे छोटे न्यूरॉन्स इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में पंहुचाते हैं। इन सिंगल्स में किसी तरह की अड़चन आने से हमें दौरे पड़ते हैं।
मिर्गी की वजह
मिर्गी विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है, आनुवंशिकी से लेकर मस्तिष्क में संरचनात्मक परिवर्तन तक। कई बार होता है कि जांच करने के बात भी मिर्गी होने की असल वजह सामने नहीं आ पाती हैं।
ये बातें मिर्गी के दौरे पड़ने के दौरान मरीज के साथ ये न करें
– दौरे के दौरान को झटके पड़ते हैं वो काफ़ी पावरफुल होते हैं। आपके रोकने से वो रुकेंगे नहीं. उल्टा मरीज़ को चोट लग सकती है। जूते, चप्पल न सूघाएं।
-उसके हाथ-पैर पकड़ने की कोशिश न करें।
– मरीज़ को सीधी जगह पर करवट के बल लिटा दें। इससे उसे चोट नहीं लगेगी और मुंह में जो झाग बन रहा है वो सीधे बाहर गिरेगा। न कि सांस की नली में जाकर रुकावट पैदा करेंगे।
– दौरे में जबड़े हिलते हैं। इसलिए चम्मच जैसी चीज़ को दांतों के बीच रखें। ताकि मरीज़ अपनी जुबान न काट लें। -मिर्गी के दौरे में ज़बरदस्ती मुंह में दवाई, कुछ खाने की चीज़, पानी हरगिज़ ज़बरदस्ती न डालें।
– अधिकतर दौरे 2 से 4 मिनट में ख़ुद ही रुक जाते हैं।
– दौरे रुकते ही मरीज़ को डॉक्टर के पास लेकर जाएं सर्दियों में अवश्य पीएं कांजी, सेहत को मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे मिर्गी के दौरे आने पर ये काम करें
– जरूरत पड़ने पर आपातकालीन सहायता के लिए कॉल करें।
– व्यक्ति के सिर को सुरक्षित रूप से कुशन से कवर करें।
– अगर व्यक्ति ज़मीन पर गिर गया है, तो उसे करवट दिलाएं।
– किसी भी आस-पास की वस्तु से व्यक्ति की रक्षा करें।
– मरीज के आसपास ज्यादा भीड़ न होनें दे, उसे फ्रेश एयर आने दें वरना इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
– उनके पास पंप ढूंढे। अक्सर मिर्गी के मरीज़ अपने साथ पंप लेकर चलते हैं। बैग, पर्स आदि में पंप देखें। उस पर लिखे इंस्ट्रक्शन पढ़ें और तब ही इस्तेमाल करें।
– व्यक्ति के ठीक होने तक उसके साथ रहें। मरीज इन बातों का खास ख्याल रखें मरीज को दौरों का कारण पता चलते ही इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। जितने समय की दवाई डॉक्टर ने बताई है उन्हें नियमित रुप से लें।
-नींद की मात्रा सही लें -नशा न करें
-अकेले ख़तरे वाली जगह पर न जाएं