July 1, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक धर्म

आएंगी शक्तिमान जैसे सुपर पावर्स, कर सकेंगे टाइम ट्रेवल 

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : 

टाइम ट्रवेल यानी समय यात्रा महज कल्पना नहीं ये सच है। नासा ने कहा है कि ये वास्तविक है और हम लोग इसे जीवन भर करते रहे हैं। ये सच भी है क्योंकि हम प्रति सेकंड भविष्य की यात्रा कर रहे हैं। तो क्या इंसान टाइम ट्रवेल कर अपनी पिछले समय में जा सकते हैं। क्या ये संभव है? क्या इंसानों में कोई ऐसी सुपर पावर आ सकती है, जिसके जरिए वो कल्पना सी लगने वाली बात सच साबित कर सकते हैं? इन सब सवालों के जवाब में नासा ने कई अहम बातें कही हैं।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि समय यात्रा वास्तविक है। हर जीवित प्राणी इसे जीवन भर करता है। हम प्रतिदिन एक सेकंड प्रति सेकंड की गति से भविष्य की यात्रा कर रहे हैं। नासा ने कहा कि हम ये अनुभव भी करते हैं समय बीत रहा है। यदि आप प्रति सेकंड एक सेकंड से भी धीमी गति से यात्रा करते हैं, तो आप हर किसी और हर चीज के सापेक्ष थोड़े अतीत में हैं। इसके विपरीत, यदि आप समय का अनुभव प्रति सेकंड एक सेकंड से भी तेज गति से करते हैं, तो आप दूसरों के सापेक्ष भविष्य में जा रहे हैं। अगर तकनीकी रूप से देखा जाए तो ये भी टाइम ट्रवेल है।

कैसे आएगी महाशक्ति? महाशक्तियां हमारे भीतर हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत का कहना है कि समय एक भ्रम है। समय हमेशा पर्यवेक्षक के सापेक्ष चलता है।

ये सिद्धांत स्पष्ट करता है कि आप जितनी तेजी से यात्रा करते हैं, उतना ही धीमा समय आपके लिए चलता है। इस प्रकार प्रकाश की गति के करीब यात्रा करने वाला एक पर्यवेक्षक समय और उसके बाद के प्रभावों जैसे उम्र बढ़ने से शरीर पर बढ़ने वाले प्रभावों से खुद मुक्त कर सकता है। समय की गति से तेज चलने वाले व्यक्ति पर समय का असर बहुत धीमा होगा। ऐसे में उसके पास वर्तमान, भविष्य और भूतकाल में जाने की पावर होगी। यानि की समय के साथ घटित होने वाली घटनाओं को जानने के साथ उसमें भविष्य को भी जानने क्षमता होगी। क्या कहता है आइंस्टीन का सिद्धांत? Einstein Theory of Relativity के अनुसार, गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष और समय को मोड़ता है। इस कारण समय की गति धीमी हो जाती है। इसका मतलब यह है कि जिन जगहों पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण कमजोर है वहां समय तेजी से चलता है। गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से हमारे ग्रह पृथ्वी की कक्षा में समय तेजी से चलता है। इसकी पुष्टि हम ऐसे कर सकते हैं कि अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली पृथ्वी पर रहने वाले अपने जुड़वां भाई से पांच मिलीसेकंड कम उम्र के थे।

Related Posts