November 23, 2024     Select Language
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ये ह‍िमालयन जड़ीबूटी है सर्दी-खांसी सम‍ेत कई मर्ज की दवा, जानें इसके सेवन के फायदे

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कोलकाता टाइम्स :

तीस एक बेहद ही प्रसिद्ध वनौषधि है। यह हिमालय पर पाया जाने वाला पौधा है और प्राचीनकाल से ही इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यहां तक कि, यजुर्वेद और चरक संहिता आदि में भी इसका उल्लेख अलग-अलग नामों से किया गया है। वहीं, अतिविषा को वैज्ञानिक रूप से एकोनिटम हेटरोफिलम कहा जाता है। यह आमतौर पर अतीस के रूप में जाना जाता है। एक फूल वाला पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से किया जा रहा है। इसका प्रयोग विशेष रूप से बच्चों के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका स्वाद कड़वा होता है और इसमें तीखी गंध होती है। अतिविषा एक जड़ी बूटी है जो पाचन, सर्दी-खांसी, उल्टी, दस्त आदि समस्याओं को दूर करने के लिए जानी जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको अतिविषा से जुड़े स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं-

बेहतर बाउल हेल्थ अतिविषा अपने पाचन गुणों के लिए जानी जाने वाली सबसे अच्छी जड़ी-बूटियों में से एक है। यह पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है। यह दस्त जैसी स्थितियों में भी प्रभावी है, यह रोगजनक सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकता है क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं। इतना ही नहीं, यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में भी मदद करती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दिल की बीमारी बढ़ाने की जताई आशंका सर्दी और खांसी के लिए अतिविषा अतिविषा आम सर्दी और फ्लू को ठीक करने में मददगार साबित हुई है। अतिविषा और शहद का मूल रूप आमतौर पर बच्चों और सर्दी से पीड़ित रोगियों को दिया जाता है।

यह खांसी, छींकने, नाक की रुकावट और अन्य सर्दी के लक्षणों से राहत देता है। शरीर के इन हिस्सों में फैट गंभीर बीमारी का है संकेत बुखार को करे कम अतिविषा विशेष रूप से बच्चों में बुखार को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है। अतिविषा की ज्वरनाशक क्रिया बुखार को रोकने में मदद करती है और इसे कम करने में भी कारगर है। अतिविषा के डायफोरेटिक गुणों के कारण व्यक्ति को पसीना आता है, जिससे बुखार कम करने में मदद मिलती है। स्ट्रेस से लेकर दर्द में राहत देता है कमल का फूल, जानिए इसके गुण एक डिटॉक्सिफायर और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में करती है काम अतिविषा शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करती है। अतिविषा की जड़ का चूर्ण बच्चों को शरीर व पेट के कीड़े को नष्ट करने के लिए दिया जाता है। इतना ही नहीं, यह एक ब्लड प्यूरिफायर के रूप में कार्य करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।

आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखता है उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर से पीड़ित रोगियों के लिए अतिविषा फायदेमंद है। यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है। यह एचडीएल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) की संख्या को भी बढ़ाता है, जिसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है। शरीर में एचडीएल का उच्च स्तर व्यक्तियों में हृदय रोगों के जोखिम को काफी कम करता है और आपको हेल्दी लाइफ जीने में मदद करता है। अतिविषा के अन्य लाभ अतिविषा मधुमेह रोगियों के लिए भी काफी अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है। यह हड्डी से संबंधित कई समस्याओं के इलाज में भी फायदेमंद है। अतिविषा बवासीर में भी प्रभावी है और इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं।

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