अपने डायरेक्टर से शादी करने के लिए इस मशहूर एक्ट्रेस ने उठाया था इतना बड़ा कदम
साधना अपने माता पिता की एकमात्र संतान थीं और आज़ादी के बाद जो देश का बंटवारे हुआ तब उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ बसा। साधना का नाम उनके पिता ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था। साधना की तकरीबन आठ साल की उम्र तक की शुरूआती शिक्षा उनके घर पर ही हुई, जहां उनकी मां ही उनकी टीचर थीं।
साधना जब बड़े पर्दे पर पहली बार नज़र आयीं, उस वक़्त उनकी उम्र महज 14 साल की थी। फ़िल्म का नाम था- श्री 420। राज कपूर की इस फ़िल्म के गाने ‘मुड़ मुड़ के न देख’ के कोरस में साधना की झलक दिखती है। 16 साल की उम्र में साधना देश की पहली सिन्धी फ़िल्म ‘अबाना’ की नायिका बनीं और यहीं से उनका सफ़र शुरू हो गया, जो तकरीबन 35 फ़ीचर फ़िल्मों का रहा। साधन ने अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के डायरेक्टर आरके नय्यर से प्यार हो जाने के बाद मार्च 1966 में शादी कर ली और साधना अपने पति को प्यार से रूमी कहकर पुकारती थीं।
नैय्यर साधना से उम्र में काफी बड़े थे। इसलिए भी साधना के माता-पिता इस शादी के लिए पूरी तरह राजी नहीं थे। साधना की कोई संतान नहीं हुई। अस्थमा के कारण वर्ष 1995 में आर के नय्यर की मौत के बाद वो अकेली रह गयीं। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अभिनेत्री वहीदा रहमान, आशा पारेख और नंदा के साथ अच्छा संपर्क बनाये रखा लेकिन, अपनी चचेरी बहन बबीता से दूरी बनाये रखी थी। बाद में उनका लंबा वक़्त इन्हीं सहेलियों के साथ गुज़रा!
क्या आप जानते हैं साल 1960 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘लव इन शिमला’ के लिए साधना के बालों को नया लुक दिया गया जो बाद में और आज भी ‘साधना कट’ के नाम से मशहूर हुआ। कहते हैं कि साधना का माथा बहुत चौड़ा था, जिसे छुपाने के लिए उनके बालों को आगे लाकर ख़ास लुक दिया गया था, उनका वही अंदाज़ उनकी पहचान से जुड़ गया। वाकई- चौड़े माथे की उनकी कमजोरी ही ‘साधना कट’ के रूप में उनकी ताकत बन गयी।