May 20, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

ज्‍यादा पढ़ाई ना लाये मुंह का कैंसर

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

मतौर पर मुंह के कैंसर से बचने के लिए तंबाकू उत्पादों और अल्कोहल के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन मुंह की साफ सफाई के पहलू को उपेक्षित कर दिया जाता है। अगर मुंह की साफ सफाई पर ध्यान दिया जाए तो हमारे देश में मुंह के कैंसर के मामलों में काफी कमी आ सकती है।

राजधानी के राजीव गांधी कैंसर इन्स्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में ओन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कन्सल्टेंट डॉ सुनील गुप्ता ने बताया, ‘मुंह की साफ सफाई एक अहम पहलू है। छोटे बच्चे और कई बार बड़े लोग भी लिखते समय पेन या पेन्सिल का पिछला हिस्सा मुंह में डालते हैं। किताबों या कॉपियों के पन्ने पलटते समय अक्सर लोग उंगली या अंगूठे को जीभ में लगा कर उसे थूक से गीला करते हैं। नोट गिनते समय भी कई लोग ऐसा करते हैं। गीले अंगूठे या उंगली से पन्ना या नोट का सरकना तो आसान हो जाता है, लेकिन ऐसा करने से कागज की डाई भी मुंह में चली जाती है जो मुंह के कैंसर का कारण बन सकती है। इसलिए बहुत ज्‍यादा पढ़ने वाले व्‍यक्ति जो अंगुली को मुंह में गीला करके पेश पलटते हैं, उन्‍हें कैंसर होने का खतरा ज्‍यादा होता है।’

गुप्‍ता आगे बताते हैं, ‘प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वालों को मुंह का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है, क्योंकि छपाई के समय वे कागज सरकाने के लिए उंगली या अंगूठे को थूक लगा कर गीला करते हैं। मच्छर भगाने के लिए जो रेपलेन्ट का उपयोग किया जाता है, उसकी टिकिया छूने के बाद हाथ धोना चाहिए। यह टिकिया, डाई तथा अन्य रसायन मुंह के कैंसर का कारण बन सकते हैं। यह चूक पढ़े लिखे लोगों से भी खूब होती है।’

मैक्स हेल्थकेयर के वरिष्ठ दंत चिकित्सक अजय शर्मा ने बताया कि भारत में मुंह का कैंसर सबसे आम है और अधिकतर लोग समय पर इलाज नहीं कराने के कारण इसके शिकार होते हैं।

Related Posts