उन सरकारी कर्मचारियों की खैर नहीं जो सोशल मीडिया पर करेंगे अलोचना, होगा एक्शन
दरअसल, 17 फरवरी को मुख्य सचिव एके मेहता ने प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की थी. बैठक में यह बात सामने आई कि कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की आलोचना कर रहे हैं. यही नहीं वे सोशल मीडिया पर भी सरकारी नीतियों के खिलाफ लिख रहे हैं.
इसके बाद मेहता ने सभी प्रशासनिक सचिवों को सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्टों पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया. ऐसी पोस्ट करने वाले कर्मचारियों के बारे में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) को जानकारी देने और कर्मचारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद सभी डीएम को इसकी जानकारी दी गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में कर्मचारियों को सरकार की नीतियों की आलोचना से बचने की बात कही थी. सरकार ने कर्मचारियों को चेतावनी दी कि सरकारी नीतियों की आलोचना करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
इसके बाद साल 2007 में राजस्थान सरकार ने ऐसा ही एक सर्कुलर जारी किया था. सर्कुलर में कहा गया था कि राज्य सरकार के किसी भी कार्य या नीति की सोशल मीडिया पर आलोचना करना अफसरों और कर्मचारियों को सीधे तौर पर चार्जशीट दी जाएगी. तब राज्य में बीजेपी की सरकार थी और उस समय की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे ग्रीन सिग्नल दिया था.