July 5, 2024     Select Language
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इन विशेष मंत्रों के उच्चारण से जगाएं भगवान विष्णु को

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कोलकाता टाइम्स : 
भगवान विष्णु के मंत्र 

* शान्ता कारं भुजग शयनं पद्म नाभं सुरेशम्

विश्वा धारं गगन सदृशं मेघ वर्णं शुभाङ्गम् ।

लक्ष्मी कान्तं कमल नयनं योगिभिर्ध्या नगम्यम्

वन्दे विष्णुं भव भय हरं सर्वलोकैक नाथम् ।।

* ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।

* मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः।।

* ॐ नमोः नारायणाय।।

* ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।।

भगवान विष्णु आरती (Vishnu Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे।।

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का।। ॐ जय जगदीश हरे।।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी।। ॐ जय जगदीश हरे।।

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी।। ॐ जय जगदीश हरे।।

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।। ॐ जय जगदीश हरे।।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति।। ॐ जय जगदीश हरे।।

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।। ॐ जय जगदीश हरे।।

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।। ॐ जय जगदीश हरे।।

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।। ॐ जय जगदीश हरे।।

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।। ॐ जय जगदीश हरे।।

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