शत्रु की एक लाख करोड़ की संपत्ति निपटारे की राह पर केन्द्र
गृह मंत्रालय ने शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए दिशा-निर्देशों में कुछ बदलाव किया है. इन बदलावों के तहत जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर द्वारा इन शत्रु संपत्तियों को खाली कराया जाएगा और उसके बाद इन संपत्तियों की बिक्री की जाएगी. दिशा निर्देशों के तहत अगर शत्रु संपत्ति की कीमत एक करोड़ रुपए से कम है तो सीईपीआई पहले इन संपत्तियों पर काबिज लोगों से ही इन्हें खरीदने की पेशकश करेगा. अगर संपत्ति पर रह रहे लोग इसे खरीदने से इनकार कर देते हैं तो फिर इन्हें गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत बेचा जाएगा.
वहीं जिन शत्रु संपत्तियों की कीमत एक करोड़ से लेकर 100 करोड़ के बीच है, उन्हें सीईपीआई द्वारा ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा या फिर केंद्र सरकार, शत्रु संपत्ति निपटारा कमेटी द्वारा सुझायी गई कीमत पर इन संपत्तियों को बेचेगी. ई-नीलामी प्लेटफॉर्म मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा शत्रु संपत्तियों की नीलामी की जाएगी. अभी चल संपत्तियों की नीलामी से सरकार को करीब 3400 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई होने की उम्मीद है.
सरकार ने देश में अभी तक कुल 12611 अचल शत्रु संपत्तियों की पहचान की है. सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे किया था. ये शत्रु संपत्तियां देश के 20 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं. इनमें से 12,485 संपत्तियां पाकिस्तान जा चुके लोगों की हैं. वहीं 126 संपत्तियों चीन की नागरिकता ले चुके लोगों की हैं.