48 साल बाद सच हुआ मां का शक, बेटे के अवशेष ने खोला पोल
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सितंबर 2017 में एक अदालत ने खुदाई कर शव निकालने का आदेश दिया था और तब रीड को पता चला कि उस जगह उसके बेटे को नहीं दफनाया गया था.
रीड के बेटे की जब मौत हुई थी तब वह महज एक सप्ताह का था. उसकी मौत रेसस नामक बीमारी से हुई थी जिसमें किसी गर्भवती महिला के रक्त के एंटीबॉडी उसके गर्भस्थ शिशु की रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं.
रीड ने दावा किया कि जब उसने अपने बेटे की मृत्यु के कुछ दिन बाद अस्पताल से अपने बेटे को दिखाने को कहा तो उसे कोई और बच्चा दिखा दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि उसकी इच्छा के विरुद्ध उनके बेटे का पोस्टमॉर्टम भी किया गया.
रीड की यह आशंका भी बाद में सच साबित हुई कि परीक्षण के लिए उनके बेटे के अंग निकाल लिये गये हैं.
क्राउन ऑफिस ने एडिनबरा रॉयल इन्फरमरी में रखे गये अंगों को अब गैरी की मां को सौंपने की अनुमति दे दी है.