July 4, 2024     Select Language
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अय्याशी और साजिश का सबसे बड़ा स्थान

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कोलकाता टाइम्स : 
मुगलों के साथ उनके हरम की भी खूब चर्चा होती है. अधिकतर लोग मुगलों के हरम को सिर्फ अय्याशी का अड्डा मानते हैं. लेकिन सिर्फ इतना ही सच नहीं है. मुगल हरम साजिशों का भी गढ़ था. मुगल हरम में भारतीय, अफगानी, ईरानी, तुरानी और उज्बेक अलग-अलग मूल की महिलाएं रहती थीं. उनके बीच बड़ी प्रतिद्वंदिता थी. हर कोई बादशाह का करीबी बनना चाहता था. बादशाह का एहसान पाने के लिए हरम की महिलाएं तमाम चीजें करती थीं. इसके उलट मुगल हरम में सल्तनत, बादशाह और उनकी बेगमों के खिलाफ तमाम साजिशें रची जाती थीं. इसके लिए महिलाएं खास काम करती थीं, आइए इसके बारे में जानते हैं.

बता दें कि हरम की महिलाएं अपने असली नाम के बजाय छद्म नाम का इस्तेमाल करती थीं. मुगल हरम की महिलाएं गुल अफसाना, कचनार और गुलबदन जैसे छद्म नामों का उपयोग करती थीं. ऐसा हरम से बाहर जाने वाले राज को छिपाने और प्रतिद्वंद्विता पर रोक लगाने के लिए किया जाता था. मुगल हरम साजिशों का एक बड़ा केंद्र था.

जान लें कि कुछ महिलाएं मुगल बादशाह का एहसान पाने के लिए ऐसा करती थीं. वह मुगल हरम के राज बादशाह तक अपने छद्म नाम से पहुंचाती थीं. मुगल हरम में बादशाह को प्रभावित करने के लिए सुंदरता, बुद्धि और वफादारी का प्रदर्शन होता था.

गौरतलब है कि मुगल हरम में एक खास पद पादशाह बेगम भी था. यह पद जिस महिला को मिलता था वो एक तरह से मुगल सल्तनत की प्रथम महिला और मुगल हरम की हेड होती थी.

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