अनसुलझे रहस्य: यहां भूत को पानी पिलाने आते हैं लोग
यह रास्ता आम नहीं है, क्योंकि बहुत लोग इस रास्ते से नहीं जाते हैं, बल्कि शॉटकट अपनाते हैं। जबकि ट्रकों के लिए यह घुमावदार रास्ता अनुकूल है। ऐसा कहा जाता है कि शीत ऋतू में बर्फवारी के कारण गाटा लूप्स से संपर्क टूट जाता है। इस स्थान पर एक मंदिर है जो प्रेतात्मा को समर्पित है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
एक लेख के अनुसार, 1999 की बात है। जब एक ट्रक 19 वें लूप पर खराब हो गया। इसके बाद ड्राइवर और हेल्पर ने उसे ठीक करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली। इस बीच भारी बर्फ़बारी की वजह से यह रास्ता बंद हो गया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी किसी की सहायता नहीं मिली, तो ड्राइवर ने नजदीक के गांव से मदद लेने की सोची।
इस दौरान हेल्पर की तबीयत बिगड़ गई। इस वजह से ड्राइवर अकेले ही गांव की तरफ निकल पड़ा। जबकि भूख और प्यास की वजह से हेल्पर की तबीयत और बिगड़ती गई। जब कुछ दिनों बाद ड्राइवर गांव वालों को लेकर ट्रक के पास पहुंचा, तो हेल्पर को मृत पाया। इसके बाद लोगों ने हेल्पर का उसी जगह पर अंतिम संस्कार कर और उस स्थान पर एक छोटा सा घर बना दिया।
ऐसा कहा जाता है कि हेल्पर आज भी गाटा लूप्स पर रहता है। कुछ लोगों ने हेल्पर को देखने का दावा किया है। आज भी लोग गाटा लूप्स से गुजरते वक्त हेल्पर को पानी और जरूरत की चीज़ें देकर ही गुजरता है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। हां, वहां पर एक छोटा सा घर जरूर है और आते-जाते लोग पानी की बोतल जरूर रख जाते हैं।