रोजाना लेंगे तो बिगड़ते काम को भी बना देंगे ये 108 नाम
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कोलकाता टाइम्स :
भगवान शिव को देवों का देव कहा जाता है। भगवान शिव एक ऐसे देव हैं जिनकी पूजा विधिवत तरीके से की जाए तो वह बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को स्वयंभू भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि वह मानव शरीर से पैदा नहीं हुए हैं। जब कोई नहीं था तब भगवान शिव थे। इसलिए हर चीज नष्ट होने जाने बाद भी वह अस्तित्व में रहेंगे। इसी कारण उन्हें आदिदेव कहा जाता है। भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा करने के साथ चालीसा, मंत्रों का जाप करने के साथ-साथ इन 108 नामों का जाप करना चाहिए। माना जाता है कि शिव जी के इन नामों का जाप करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव के नामों की उत्पत्ति के विषय में एक कथा प्रचलित है। इस पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में थे जब उनकी नाभि से एक कमलयुक्त परमपिता ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई। इसके बाद कई वर्षों तक ब्रह्मा जी विष्णु जी के जागने की प्रतीक्षा करने लगे। एक दिन भगवान शिव अग्निमय ज्योतिर्लिंग के रूप में परमपिता के साथ प्रकट हुए तो ब्रह्मा जी ने उन्हें नमस्कार नहीं किया। लेकिन तभी भगवान विष्णु जाग गए हैं और उन्हें प्रणाम किया। तब परमपिता को भगवान शिव के प्रताप से अवगत हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी भूल मानी और शिव जी से क्षमा मांगी। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें सृष्टि के रचना का कार्यभार दिया और विष्णु जी को संसार के संचार करने को कहा। इस बात पर भगवान विष्णु ने कहा कि सृष्टि का नाश भी जरूरी है। तब भगवान शिव से खुद के ऊपर ये कार्यभार लेने का निर्णय लिया। ऐसे में भगवान ब्रह्मा ने शिवजी से कहा कि सृष्टि के आरंभ के पूर्व ही वह उन्हीं से उत्पन्न हो।