May 20, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

कहीं आपको दूसरों में यह देखने की बीमारी तो नहीं?

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स : 
क की बीमारी यानी “पैरानोया” अविश्वास की चरम स्थिति है। सामान्य स्थिति “पैरानोया” नहीं होती। “पैरानोया” आंशिक भी होती है, जिसमें व्यक्ति समाज में अच्छी तरह रहता है, लेकिन जब प्रभाव पूर्णकालिक हो तो व्यक्ति कभी-कभी आत्महत्या का प्रयास करने लगता है। लेकिन सही मार्गदर्शन से स्थिति सुधारी भी जा सकती है।

अतिसंवेदनशील

ऎसे लोग किसी भी बात पर जल्दी बुरा मान जाते हैं। गलती करने की स्थिति में भी जल्दी दोष स्वीकार नहीं करते। जिद्दी और समझौता न कर पाना तो इनकी आदत में शुमार होता है।

पर्सनेलिटी डिसऑर्डर

कुछ लोग बेवजह शक का शिकार होते हैं। जिससे इनका सामाजिक जीवन और कार्य क्षेत्र दोनों ही प्रभावित होते है । ऎसे व्यक्तित्व वाले लोगों को “पैरानोया” कहते हैं। तनाव भी इस समस्या का एक प्रमुख कारण हो सकता है। अप्रवासी, युद्घ बंदियों आदि में इसके लक्षण होते हैं। आनुवांशिक कारण, मानसिक असंतुलन व सूचना संग्रहित करने की अक्षमता आदि पैरानोया को जन्म देती है।

इलाज

शक्की स्वभाव इसके इलाज में बाधा बनता है। इलाज के लिए किसी रोगी का इतिहास जानना डॉक्टर के लिए जरूरी होता है। सही दवा का प्रयोग पैरानोया के लक्षणों को दूर करने में आंशिक रूप से सहायक होता है। कुछ कमी दूर होने के बावजूद पैरानोया के लक्षण रोगियों में बने रहते हैं।

Related Posts