इस रोशनी से बढ़ सकता है डेंगू होने का खतरा
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और आईएमए के ऑनररी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, बहुत से लोगों को नहीं पता कि डेंगू का मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपता है. साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है.
डेंगू हो जाने पर भरपूर मात्रा में तरल आहार लेना चाहिए क्योंकि डिहाइड्रेशन की स्थिति में ये बीमारी और खतरनाक रूप ले सकती है. अगर डेंगू के मरीज के प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से ज्यादा हैं तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं है.
डेंगू चार किस्म का होता है और वायरस के संक्रमण से फैलता है. डेंगू में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों में दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश हो जाते हैं. हालांकि कुछ लोगों में लाल और सफेद निशान के साथ पेट खराब, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं.
यह वायरस से फैलने वाली बीमारी है इसलिए इसकी कोई दवा या एंटीबायटिक नहीं है. इसकी रोकथाम इसके लक्ष्णों का इलाज करके ही किया जाता है.
मच्छरों से बचने के उपाय:
उचित मच्छर प्रतिरोधक का प्रयोग करके और अन्य उपाय करके मच्छरों से बचा जा सकता है. घर में मच्छरों के पनपने को रोकना चाहिए.
मच्छरों के छुपने की जगह हटाएं:
– बारिश का पानी निकालने वाली नालियों, पुराने टायरों, बाल्टियों, प्लास्टिक कवर, खिलौनों और अन्य जगह पर पानी रुकने नही देना चाहिए.
– फव्वारों, पक्षियों के बर्तनों, पौधों वाली ट्रे का पानी हफ्ते में एकबार बदलना जरूरी है.
– अस्थायी पूल को खाली कर देना चाहिए या उसे मिट्टी से भर देना चाहिए.
– स्विमिंग पूल का पानी बदलते रहना चाहिए.
– दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को भर देना चाहिए.
– मच्छरदानी का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा.
– लंबी बाजू की शर्ट, पैंट और मोजे पहनकर रहना चाहिए.