May 20, 2024     Select Language
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एक-दो पूरे 100 करोड़ में किंग चार्ल्स की ताजपोशी 

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कोलकाता  टाइम्स :
6 मई यानी आज दुनिया की नजर ब्रिटेन पर होगी. जब लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबी में ब्रिटिश रॉयल फैमिली के नए किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होगी. इस ताजपोशी के साथ ही प्रिंस चार्ल्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में 8 सितंबर 2022 को निधन हुआ था. शाही परिवार के नियम के मुताबिक, राजघराने की बागडोर सबसे वरिष्ठ सदस्य के हाथ में दी जाती है, लेकिन यह वरिष्ठता क्रम, उनकी उम्र से नहीं वंशानुक्रम से तय होता.
रॉयल फैमिली का इतिहास भी बहुत रॉयल रहा है. इसलिए प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी भी ऐतिहासिक होगी. ऐसा आयोजन 70 वर्षों बाद होने जा रहा है, इससे पहले ऐसी शाही परंपरा आखिरी बार 1953 में दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए हुई थी. ब्रिटेन में सम्राट की ताजपोशी की प्रक्रिया पिछले लगभग एक हजार साल से एक जैसी ही है. यानी इसमें कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. ब्रिटेन के सम्राट का राज्याभिषेक, यूरोप में अब ऐसा इकलौता समारोह है, जो अभी तक जारी है. अब आपके जहन में ये सवाल आ रहा होगा कि ब्रिटेन में राज्याभिषेक होता क्या है.

बता दें कि राज्याभिषेक एक समारोह है जिसमें सम्राट को औपचारिक तौर पर ताज पहनाया जाता है. ये समारोह पहले राजा या रानी की मौत के शोक का वक्त पूरा होने के बाद होता है. ब्रिटेन में राज्याभिषेक को एक धार्मिक आयोजन माना जाता है जिसे ब्रिटेन में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. पिछले 900 वर्षों से राज्याभिषेक समारोह वेस्टमिंस्टर ऐबी में आयोजित हो रहा है. इस बार भी ये परंपरा वेस्टमिंस्टर ऐबी में ही निभाई जाएगी. राज्याभिषेक समारोह में नए सम्राट को शाही सामग्री और ताज पहनाया जाता है. कल होने वाले इस राज्याभिषेक कार्यक्रम में किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला को ताज पहनाया जाएगा. किंग चार्ल्स, राज्याभिषेक के समय शानदार शाही पोशाक पहनेंगे. रॉयल फैमिली की कुछ पोशाक तो ऐसी हैं, जिनका डिजाइन सदियों पुराना है.

सम्राट चार्ल्स के राज्याभिषेक का कार्ड एंड्यू जैमिसन ने डिजाइन किया है, जिसमें लोक कथाओं के किरदार ‘ग्रीन मैन’ को आइवी हॉथोर्न और शाहबलूत की पत्तियों के साथ उकेरा गया है. इसी कार्ड से दुनिया भर के मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है. वैसे ब्रिटेन के इतिहास में जब जब राज्याभिषेक समारोह हुआ है, उसमें हमेशा ताजपोशी के लिए एक प्रक्रिया अपनाई गई है. आज हम सरल शब्दों में स्टैप बाए स्टैप आपको इस प्रक्रिया के बारे में बताएंगे है. इनमें पहला चरण है मान्यता देना. नया सम्राट, ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 वर्ष पुरानी कुर्सी के बगल में खड़ा होता है. कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर ऐबी में मौजूद लोगों के सामने लेकर आते है. जहां पहले से खड़े लोग नारा लगाते है, ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ इसके बाद तुरही बजाई जाती है.

दूसरा चरण है शपथ लेना. इसके बाद सम्राट कानून और चर्च ऑफ ब्रिटेन को कायम रखने की शपथ लेते हैं. तीसरा चरण राजतिलक का होता है. सम्राट को राजतिलक वाली कुर्सी पर बैठाया जाता है और कुर्सी के चारों तरफ सुनहरे कपड़े का घेरा बनाया जाता है, जिससे सम्राट लोगों को दिखाई न दें. इसके बाद कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के हाथों, सीने और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करते हैं. इस तेल को ग़ुलाब, चमेली और दालचीनी के तेल के अलावा व्हेल के पेट में मिलने वाले सुगंधित मोम को मिलाकर तैयार किया जाता है.

चौथा चरण होता है अभिषेक का. इस चरण में सम्राट को एक राजदंड दिया जाता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक होता है. इसी चरण में कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के सिर पर संत एडवर्ड का ताज पहनाते हैं. अगला चरण है सिंहासन पर विराजना और निष्ठा प्रकट करना. इसके बाद सम्राट ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठते हैं और कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर ऐबी में मौजूद लोगों के सामने लेकर आते है. जिसके बाद एक बार फिर वहां खड़े लोग नारा लगाते है, ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’. इसके बाद तुरही बजाई जाती है.

प्रिंस चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक के लिए लंदन दुल्हन की तरह सजा है. 70 सालों बाद ब्रिटेन में नए सम्राट की ताजपोशी हो रही है. ये समारोह एतिहासिक भी होगा और बेहद शानदार भी. चार्ल्स तृतीय के इस राज्याभिषेक कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की नजर टिकी है. लंदन, दुल्हन की तरह सज रहा है.

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