इस समय एयर ट्रेवल के दौरान खुद को कैसे रखें सुरक्षित?
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कोलकाता टाइम्स :
फ्लाइट में बैठकर आसमान में सफर का आनंद लेना एक सुखद अनुभव होता है। लेकिन जब हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते समय प्लेन अचानक हिलता और नीचे गिरता है, तो चिंता होना स्वाभाविक है। इस दौरान कुछ लोग काफी घबरा जाते हैं। हालांकि, असल में इसे लेकर उतना चिंतित होने की आवश्यकता नहीं होती। टर्बुलेंस उड़ान का एक सामान्य हिस्सा है, जिसका अनुभव बहुत से लोग हर दिन करते हैं। इसलिए यात्रियों को इस दौरान ज्यादा पैनिक नहीं करना चाहिए। इस लेख में हम आपको टर्बुलेंस के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि अगली बार जब आप ऐसा अनुभव करें, तो घबराएं नहीं और ना ही साथी पैसेंजर को परेशान करें।
एयर टर्बुलेंस क्यों होता है?
एयर टर्बुलेंस कई चीजों के कारण हो सकता है। वातावरण में हवा का प्रभाव, जेट स्ट्रीम्स जो हवा में परिवर्तन को ट्रिगर करतें हैं, पहाड़ों या ऊंची इमारतों के ऊपर से उड़ते हुए, जो आकाश में हवा के प्रवाह को बदलते हैं। इनके अलावा कुछ और कारण, जो हवा के प्रवाह को बदलने का कारण बन सकते हैं। टर्बुलेंस का कारण चाहे जो भी हो, यह समझना आवश्यक है कि टर्बुलेंस हवा के प्रवाह में बदलाव के कारण होता है न कि प्लेन में खराबी के कारण।
एयर टर्बुलेंस के दौरान सुरक्षित रहने के लिए टिप्स
1) घबराएं नहीं
टर्बुलेंस के दौरान ज्यादातर सेहत से जुड़े गंभीर मामले घबराहट के कारण आते हैं। क्योंकि लोगों को ऐसा लगता है कि उनका प्लेन क्रैश होने वाला है या फिर हो जाएगा।
2) बेल्ट बांधे रखें
बहुत से लोगों में ये आदत देखने को मिलती है कि विमान के उड़ान भरते ही वे अपने सीट बेल्ट को खोल देते हैं। जबकि उन्हें विमान के नियमों का पालन करना चाहिए और जब सीटबेल्ट साइन चालू हो, तो अपनी सीटबेल्ट को बांध लेना चाहिए। टर्बुलेंस के दौरान इसे बांधना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से आप खुद को या अपने आसपास के लोगों को चोट नहीं पहुंचाएंगे।
3) पायलट पर भरोसा रखें
टर्बुलेंस के दौरान पैनिक करने के बजाय अपने पायलट पर भरोसा रखें, क्योंकि वे ऐसे हालातों से निपटने के लिए प्रोफेशनली ट्रेन्ड होते हैं। इसके अलावा आज के आधुनिक जमाने में उनके पास कई ऐसे तकनीक होते हैं, जिनकी मदद से उड़ान मार्ग के लिए मौसम की जानकारी पहले ही मिल जाती है।
4) ब्रीदिंग एक्सरसाइज
अगर टर्बुलेंस के दौरान आप घबराहट महसूस करते हैं, तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। ये खुद को शांत करने और किसी भी संकट से निपटने का एक शानदार तरीका है। नाक से सांस लें और अपने मुंह से सांस छोड़ें।
5) दिमाग को कहीं और लगाएं
अगर टर्बुलेंस बहुत अधिक गंभीर नहीं है, तो कोशिश करें और अपना ध्यान किसी और चीज़ पर केंद्रित करें, जैसे कि किताब पढ़ना या फिर कोई पहेली या सुडोकू सुलझाना।
6) ऐसे सीट को चुनें जहां टर्बुलेंस का प्रभाव कम हो
सीट को पहले से बुक करते समय ऐसी सीट का चुनाव करें, जो टर्बुलेंस से कम प्रभावित हो। इसके लिए सबसे अच्छी सीट विमान के सामने या पंखों के पास होती है। टर्बुलेंस का प्रभाव विमान के सामने कम महसूस होता है क्योंकि यह विमान के ग्रैविटी के केंद्र से परे है। इसी तरह विमान के पंखों के पास की सीट पर भी टर्बुलेंस का असर कम होता है क्योंकि पंख विमान को संतुलित रहने में मदद करते हैं।