July 4, 2024     Select Language
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स्‍पर्म काउंट बढ़ाने से लेकर वेटलॉस करने में इस चने का जवाब नहीं 

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कोलकाता टाइम्स : 
भूना हुआ चना भारतीयों का पसंदीदा स्‍नैक्‍स में से एक है। इसमें मौजूद आयरन, कैल्शियम और कई अन्य जरूरी तत्वों के साथ-साथ विटामिन्स शरीर में पौष्टिक तत्‍वों की आपूर्ति को पूरी करते है। सबसे खास बात है कि लो-कैलोरी होने के कारण ये हेल्दी स्नैक है। भुने चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर होता है। रोजाना भुने चने खाने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। भूने चने कम समय में शरीर को ज्‍यादा से ज्‍यादा पोषण देता है। भुने चने को आप काम करते समय, जिम के बाद और स्‍नैक टाइम पर आराम से खा सकते है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स का अच्छा स्त्रोत है। इसे रोजाना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे बहुत सी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है।
आइए जानते है रोजाना भूने चने खाने के एक से बढ़कर एक फायदों के बारे में।
हड्डियों की मजबूती के लिए : भूने हुए चने में में कैल्शियम बहुत ज्यादा होता है और इस कैल्शियम से कमजोर हड्डियों की मजबूती बढ़ती है । महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए रोज भुने हुए चने खाना एक बहुत अच्छा समाधान होता है । चने में बहुत अच्छा प्रोटीन पाया जाता है । जिस कारण से इसका सेवन करना बहुत ही लाभकारी रहता है।
पेशाब सम्बन्धी बीमारियों से छुटकारा:  भुने चनों के सेवन से पेशाब सम्बन्धी सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। जिनको भी बार बार मूत्र आने की समस्या है उनको हर रोज गुड़ और चने का सेवन करना चाहिए।
मधुमेह में लाभकारी : भुने चने खाने से मधुमेह रोग में भी लाभ पहुंचता है। भुने चने ग्लूकोज की मात्रा को सोख लेते है जिससे मधुमेह नियंत्रित हो जाता है।
स्‍पर्म काउंट बढ़ाता है:  भुने चने दूध और शहद के साथ मिलाकर खाने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। स्‍पर्म काउंट बढ़ाने के लिये किसी देसी दवा से कम नहीं दूध और शहद अस्‍थमा, कफ और खांसी होने पर जिनको भी अस्थमा और सांस सम्बन्धी समस्याएं है ,उनको भुने चने के आटे का हलवा खाने से अस्थमा में आराम मिलता है।
इसके अलावा चने के आटे की की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं। भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व कफ दूर हो जाता हैं।
बवासीर से आराम : भुने चने खाने से पाइल्स और बवासीर की समस्या धीरे धीरे नष्ट होने लगती है। इसलिए हर रोज भुने चने खाने चाहिए।
एनिमिया के लिए औषधि : चने में आयरन भरपूर होता है। अगर आपको एनीमिया है तो रोजाना भुना चना खाना शुरू कर दें।
ध्यान दें कि बिना छिलके वाला चना खाने का लाभ उतना नहीं है, जितना छिलके वाले चने खाने का लाभ है।
चना एनिमिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। एनीमिया की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं होती हैं इसलिए यह महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है।
फाइबर से भरपूर : फाइबर हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। काला चना फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह पाचन क्रिया को सुधारता है। भुने चने को खाने से कब्ज की समस्या में फायदा होता है। इससे पेट भी जल्दी भरता है और ये स्वादिष्ट भी खूब होता है।
भुना हुआ चना खाने से पाचन की समस्या नहीं होती : है क्योंकि इसमें फाइबर खूब होता है। वजन घटाने के लिए वजन घटाने के लिए चने का प्रयोग बहुत आसान है।
काले चने को एक घंटे के लिए पानी में भिगाकर रख दें और फिर इसे सूख जाने के बाद रेत और नमक में तेज आंच पर भून लें। आप चाहें तो बाजार से भुने हुए चने ही खरीद सकते हैं। सुबह या शाम के नाश्ते के समय रोज इन चनों को खाएं। इसके अलावा आप चने के साथ चिवड़ा भूनकर भी मिला सकते हैं। चिवड़े में भी कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। आप चाहें तो भुने चने में सलाद जैसे प्याज, टमाटर, गाजर, मूली, नींबू का रस आदि मिलाकर भी खा सकते हैं।

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