January 19, 2025     Select Language
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झूलते वक्त हम क्यों चीखते हैं ? चौंका देगा पीछे का इतिहास

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प्रोफेसर हेरॉल्ड गूजूल बताते हैं कि आखिर चीखने चिल्लाने के पीछे की वजहें क्या होती हैं? इसके साथ ही लोग रोलर कोस्टर राइड करते हुए चिल्लाने क्यों लगते हैं? जबकि असल में उन्हें मजा आ रहा होता है।
एडवेंचर के शौकीन लोगों को घूमने का भी बड़ा शौक होता है। अलग-अलग जगहों का अलग-अलग एडवेंचर ट्राई करने का लोगों का बड़ा मन होता है। बात फिर चाहे जाइंट स्विंग की हो, बंजी जंपिंग की हो या फिर रोलर कोस्टर राइड की। लोग एडवेंचर के साथ खूब एक्सपेरिमेंट करते हैं और फिर लोगों से अपना एक्सपीरियंस शेयर भी करते हैं। आपने भी झूला झूलते हुए लोगों को खूब एन्जॉय करते देखा होगा। लोग जितने उत्साह में होते हैं उतने ही डरे हुए भी। चीखते-चिल्लाते हैं लेकिन अंदर ही अंदर एडवेंचर उन्हें मजा भी दे रहा होता है। इस बीच एक सवाल ये कि क्या कोई अपनी चीख पर काबू रख सकता है? क्या झूला झूलते वक्त लोग अपने डर पर काबू रख सकते हैं? लोग मजेदार पलों में चीखते क्यो हैं?
 ऐसे ही कई सवालों के जवाब आज हम ढूंढते हैं। चीखते क्यों हैं लोग? एडवेंचर करते वक्त लोग जितना खुश होते हैं, उतने ही डरे हुए भी। एडवेंचर के लिए कोई जबरदस्ती तो नहीं करता। जाहिर सी बात है कि लोग अपने मन से ही इन एक्टिविटीज में शामिल होना चाहते हैं। इस बीच एक सवाल उठता है कि आखिर लोग एडवेंचर करते हुए चीखते-चिल्लाते क्यों हैं? बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमोरी कॉलेज के साइकोलॉजी के प्रोफेसर हेरॉल्ड गूजूल बताते हैं कि चीखने का मतलब है कि आप अपनी सिर्फ आवाज ही निकाल रहे होते हैं। आप कुछ बोल नहीं रहे हैं।
चौंकाने की ताकत रखती है चीख : उनका कहना है कि चिल्लाना एक अलग तरह की आवाज होती है। चीख एक सेकेंड से डेढ़ सेकेंड तक हो सकती है। ये आवाज तेजी से शुरू होती है तेज ही बनी रहती है। प्रोफेसर का कहना है कि जो चीख अपेक्षाकृत छोटी होती है और चौंकाने की ताकत रखती है। पिच ऊंची होती है और दूर तक भी जाती है।
चीख के इतिहास का बात करें तो ये किसी जंगली जानवर को चौंकाने के लिए इस्तेमाल हुई होगी। ताकि इंसान को बचने का एक मौका मिल जाए। हमारे पूर्वज चीखते थे इसके अलावा उनका कहना ये भी है कि हमारे पूर्वज आपस में एक दूसरे को बुलाने के लिए भी चीखते थे। अब बात करते हैं रोलर कोस्टर राइड के दौरान चिल्लाने की। प्रोफेसर हेरॉल्ड बताते हैं कि हमारा दिमाग उन चीजों से आनंद लेता है, जिनसे जिंदा बचने का अहसास होता है। हम ऐसे समाज में रहते हैं, जहां हमें चिल्लाना नहीं पड़ता। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि कुछ मौकों पर हमें डर नहीं लगता। डर लगने या किसी तरह के मौके पर हम ऐसे ही चीखेंगे जैसे कि हमारे पूर्वज चीखते थे।
क्या कहते हैं प्रोफेसर? रोलरकोस्टर राइड के दौरान चीखने के कारण को स्पष्ट करते हुए प्रोफेसर बताते हैं कि आपका दिल तेजी से धड़कता है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। यही कारण है कि आप डरने के वही शारीरिक प्रभाव को महसूस करते हैं, जो कि असल खतरे में होते हैं। जबकि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि आप सुरक्षित हैं। ये जो तनाव इस दौरान आपके अंदर बनता है, वो चीख बनकर बाहर निकलता है। इसलिए एडवेंचर करते हुए लोग चिल्लाते हैं। जैसे उन्हें डर लग रहा हो। लेकिन असल में उन्हें मजा आ रहा होता है।

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