बाइबिल मिला और 2 साल के मासूम को हुई उम्र कैद
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कोलकाता टाइम्स :
उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग की नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर बर्बरता की हद पार कर दी है. उत्तर कोरियाई प्रशासन अपने बर्बर रवैये के लिए वैश्विक मीडिया में सुर्खियों में बना रहता है. तानाशाही का आलम यह है कि उत्तर कोरिया में हर विषय को नियंत्रित करने का तरीका पूरी दुनिया से अलग ही होता है. आस्था की बात करें तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उत्तर कोरिया में आस्था रखने वाले लोगों की निंदा की जाती है. हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट से पता चला है कि विभिन्न धर्मों के लोगों को उत्तर कोरिया में मौत की सजा दी जाती है और उनकी संतानों को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया ने 70,000 ईसाइयों को जेल में डाल दिया. स्टेट डिपार्टमेंट की 2022 की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में पाया गया है कि जिन हजारों लोगों को जेल भेजा गया है उनमें विभिन्न धर्मों के लोग हैं. इसमें एक बच्चा भी शामिल है जो दो साल का था, जब उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सजा इसलिए सुनाई गई थी क्योंकि बच्चे के माता-पिता के पास बाइबिल मिली थी.