November 23, 2024     Select Language
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सावधान : खाने में बाल देखे तो जान जाये वह बन गया जहर

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कोलकाता टाइम्स : 
क्सर घरों और होटलों में खाना खाते वक्त  इंसान के बाल का दिखना आम बात है, लेकिन ह्यूमन हेयर जानलेवा भी साबित हो सकते हैं, यह सुनकर किसी के लिए भी चौंकना स्वाभाविक हैं। ह्यूमन हेयर मुंह में आते ही पूरे शरीर में सिरहन सी दौड़ जाती है और कई लोग तो उल्टी कर बैठते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि ह्यूमन हेयर खानों के जहरीला भी बना देते हैं, जिसको खाने से खानेवाला व्यक्ति जानलेवा बीमारियों से घिर सकता है। जी हां, यह बिल्कुल सच हैं। यह बात अभी भले ही छोटी लग रही है, लेकिन नजरंदाज करके एक बेहद गंभीर समस्या को जन्म दे सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक ह्यूमन हेयर कैरोटीन नामक एक प्रोटीन निर्मित होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। मतलब कई रोगों को जन्म दे सकते हैं। इनमें थ्रोट इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, टाइफॉइड, कॉलेरा और पीलिया जैसी बीमारियां शामिल है। यही नहीं, ह्यूमन हेयर में पाए जाने वाले स्टाफ ऑरिस नामक बैक्टीरिया अगर खाने में पहुंच जाए, तो न केवल यह बैक्टीरिया पूरे शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि इसकी वजह से जान जोखिम में भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों द्वारा किए शोध से यह साबित हो चुका है कि ह्यूमन हेयर में मौजूद स्टाफ ऑरिस नामक बैक्टीरिया ह्यूमन शरीर के लिए जानलेवा हो सकते हैं।

फूड एंड हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ह्यूमन हेयर को खाद्य पदार्थों से पकाए जाने से कई माइक्रोऑर्गेनिज्म पैदा होते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी  द्वारा किए गए एक रिसर्च में भी पाया गया कि ह्यूमन हेयर्स में कई टॉक्सिक कैमिकल मौजूद होते हैं, जो मनुष्य के इंटरनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाने ते लिए काफी हैं। यही वजह है कि द फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथेरिटी ऑफ इंडिया ने फूड हइजिन को लेकर गाइडलाइन जारी की हैं।

FSSAI द्वारा होटलों के लिए जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि होटलों के खाने में बालों को गिरने से बचाने के लिए कुक को कैप, ग्लव्ज और नेट पहनना जरूरी है। हालांकि भारत में तो स्कल कैप्स और ग्लव्स का ही ट्रेंड है, जबकि अन्य देशों में दाढ़ी और मूछों पर भी नेट पहनने जरूरी बनाया गया है ताकि खान बनाते समय दाढ़ी और मूंछ के बाल गिरकर खाने में न मिल जाएं। भारत में अभी फिलहाल मूंछों और बालों में नेट पहनने का निर्देश नहीं जारी किया गया है, जो कि बदलते समय के साथ बेहद जरूर हो गया है। मौजूदा दौर में मोबाइल एप जोमैटो और स्विगी से युवाओं में होटलों से लंच, डिनर और ब्रेकफास्ट मंगवाने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यह प्रचलन शहर में ही नहीं, सेमी अर्बन इलाकों में भी तेजी पैर पसार रहा है। ऐसे में FSSAI को फूड सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन पर तुंरत विचार करना चाहिए, जो न केवल स्वाद खराब करते हैं बल्कि स्वास्थ्य को भी खराब करने में योगदान कर देते हैं।

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