कुदरत का कहर या … इस जगह पर कोई 100 सालों जानवरों के जाने पर भी है पाबंदी
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इस जगह का नाम है ‘जोन रोग’, जो फ्रांस के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित है. पिछले 100 सालों से इस इलाके को फ्रांस के बाकी क्षेत्रों से काटकर रखा गया है, ताकि यहां कोई आ जा न सके. इतना ही नहीं, इस इलाके में जगह-जगह ‘डेंजर जोन’ (खतरनाक जगह) के बोर्ड भी लगे हुए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि यहां आना मतलब अपनी जान को जोखिम में डालना है. फ्रांस के इस इलाके को ‘रेड जोन’ के नाम से भी जाना जाता है. प्रथम विश्व युद्ध से पहले यहां कुल नौ गांव थे, जहां लोग रहा करते थे और खेती करके अपना गुजारा करते थे. लेकिन विश्व युद्ध में यहां इतने गोला-बारूद और बम गिरे कि पूरा का पूरा इलाका ही बर्बाद हो गया. यहां लाशों के ढेर लग गए और भारी मात्रा में केमिकल युक्त युद्ध सामग्री पूरे इलाके में फैल गयी थी.
इस इलाके में सिर्फ जमीन ही जहरीली नहीं है बल्कि पानी में भी जानलेवा तत्व मिले हुए हैं. अब चूंकि इस पूरे इलाके की जमीन और यहां मौजूद पानी को साफ करना संभव नहीं था, इसलिए फ्रांस की सरकार ने इसे ‘जोन रोग’ या ‘रेड जोन’ घोषित कर दिया और इंसानों से लेकर जानवरों तक के यहां आने पर पाबंदी लगा दी. कुछ लोग इस जगह को भुतहा भी कहते हैं. उनका मानना है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान मारे गए लोगों के आत्माएं यहां भटकती रहती हैं. हालांकि उस वक्त के नौ गांव, जो युद्ध में बर्बाद हो गए, उनमें से दो गांवों का आंशिक रूप से पुनर्निमाण चल रहा है, जबकि बाकी के छह गांव अभी भी वीरान हैं, जहां दूर-दूर तक सन्नाटा पसरा हुआ है. इस जगह को ‘नो मैन्स लैंड’ भी कहा जाता है.