अब एक से ज्यादा की शादी तो खेर नहीं, इसी साल लागू करेंगे कानून
सीएम हिमंत ने कहा, विशेषज्ञ समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. इस वित्तीय वर्ष के भीतर कानून लागू हो जाएगा. हम विधायकों को इसे पढऩे और चर्चा करने के लिए समय देना चाहते हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, राज्य सरकार यह कानून बनाने के लिए सक्षम है. मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही कहा कहा, असम जाति, पंथ या धर्म से परे महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करने के करीब पहुंच गया है.
असम के मुख्यमंत्री ने 12 मई को न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की थी. फुकन के अलावा, समिति के अन्य सदस्यों में राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वरिष्ठ अधिवक्ता नकीब-उर-जमां शामिल हैं.
18 जुलाई को असम सरकार ने समिति का कार्यकाल 13 जुलाई से एक महीने बढ़ाकर 12 अगस्त कर दिया था. समिति को शुरू में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया था. इसे समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 25 और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की पड़ताल करने का काम सौंपा गया था.