दुनिया ने देखा चंद्रयान-3 का दम, इस दम का राज इनके हाथ
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कोलकाता टाइम्स :
भारत ने स्पेस में इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 ने बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. लेकिन चंद्रयान-3 मिशन में कौन लोग शामिल हैं, आइए आपको बताते हैं.
इस मिशन की मुख्य भूमिका में शामिल सभी लोग पुरुष हैं, जबकि चंद्रयान-2 मिशन में कई महिलाएं भी मुख्य भूमिका में थीं. चंद्रयान-3 में मिशन डायरेक्टर मोहन कुमार हैं और रॉकेट निदेशक बीजू सी. थॉमस हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लगभग 54 महिला इंजीनियर/वैज्ञानिक हैं जिन्होंने सीधे चंद्रयान-3 मिशन में काम किया. वे अलग-अलग सेंटर्स पर काम करने वाले विभिन्न सिस्टम्स की सहयोगी और डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और प्रोजेक्ट मैनेजर हैं.”
इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने अपने दो सीनियर्स के साथ पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल में एक गड़बड़ी को ठीक किया, जो उड़ान के लिए तैयार था.
आम तौर पर ऐसी स्थिति में, रॉकेट लॉन्च टाल दिया जाता है. दूसरा विकल्प समस्या को ठीक करने की कोशिश करना था. जब रॉकेट में ईंधन भर जाता है तो यह एक जोखिम भरा काम होता है. लेकिन युवा सोमनाथ समेत तीन बहादुर अधिकारियों ने समस्या को ठीक कर दिया. रॉकेट सुरक्षित रूप से उड़ान भर गया और मिशन सफल हो गया.
लगभग दो दशक बाद वह इसरो चीफ बने. सोमनाथ ने उन मुद्दों को ठीक कर दिया है, जिसके चलते भारत के पहले चंद्रमा लैंडर विक्रम की क्रैश लैंडिंग हुई थी.