जानते हैं ब्रिटेन में ‘जी’ इन खास लोगों को कहा जाता है
टीचर्स से कहा गया कि वे उन्होंने ऐसे छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए एक नई भाषा सीखने की जरूरत है जो ही या शी के तौर पर खुद पुकारा जाना पसंद नहीं करते। ‘जी’ को एक लिंग-निरपेक्ष उच्चारण माना जाता है और यूरोप में इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।
ब्रिटिश टीचर्स को सलाह दी जा रही है कि वे बच्चों को उनकी पसंद के उच्चारण से ही पुकारें, जिसमें ‘जी’ भी शामिल है। परमार्थ संगठन ‘एडुकेट एंड सेलिब्रेट’ की संस्थापक और नए दिशानिर्देशों की लेखिका एली बार्नेस ने कहा कि अब चूंकि ज्यादा छात्र आवासीय स्कूलों में आ रहे हैं तो सिर्फ ‘ही’ या ‘शी’ के इस्तेमाल से आगे बढ़ना जरूरी हो जाता है। उन्होंने एक अखबार को बताया, स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि समानता कानून के मुताबिक सभी छात्रों से बराबर का सलूक किया जाए और उनसे अच्छा व्यवहार हो।