जानते हैं उबला हुआ दूध कितना नुकसानदायक है
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वजह
दूध में “केसीन” एवं “वे”(Whey) दो तरह के प्रोटीन, विटामिन (ए, डी, ई, के) और कैल्शियम होते हैं। जब हम दूध को उबाल आने तक गर्म करते हैं तो इससे विटामिन और कैल्शियम की मात्रा नष्ट हो जाती है। साथ ही दोनों प्रोटीन अवस्था बदल लेते हैं। इससे दूध में इनका असर घट जाता है।
ऎसे करें पाश्च्युरीकृत
दूध निकलने के बाद उसे 72 डिग्री सेल्सियस पर करीब 15 सेकंड तक गर्म करना चाहिए यानी दूध में उबाल आने के कुछ मिनट पहले ही उसे उतार लें और तुरंत किसी ठंडे स्थान पर रखें। गर्म करके ठंडा कर देने से दूध पाश्च्युरीकृत हो जाता है। पाश्च्युरीकृत दूध में उसके पौष्टिक गुण तो रहते ही हैं, सूक्ष्माणु (जीवाणु-कीटाणु) भी नहीं पनपते।
ध्यान रहे
दूध निकाले जाने के बाद आधे घंटे तक ही सुरक्षित रहता है। उसके बाद उसमें तेजी से सूक्ष्माणु पनपने लगते हैं। इसलिए निकाले जाने के बाद दूध को जितनी जल्दी हो सके पाश्च्युरीकृत करना चाहिए। यदि किसी वजह से दूध को गर्म नहीं कर सकते हैं तो उसे फौरन किसी ठंडे स्थान पर रखें। इससे उसमें सूक्ष्माणु पनपने का खतरा कम हो जाएगा।
पनीर का पानी
पनीर बनाने के बाद अधिकतर लोग उसके पानी को फेंक देते हैं, ऎसा नहीं करना चाहिए। इस पानी में प्रचुर मात्रा में “वे” प्रोटीन होता है। यह रोग प्रतिरोधक तंत्र, हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसे दो से तीन घंटे में प्रयोग कर लेना श्रेष्ठ होता है। अनेक देशों में इसे दवाएं बनाने के लिए काम में लिया जाता है।