November 23, 2024     Select Language
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बर्न, घाव, सर्जरी व यूरिनल इंफेक्शन, गंगाजल है ना !

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कोलकाता टाइम्स : 
मारे देश में गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना जाता है, इसकी तुलना हमारे देश में अमृत से की जाती है, लेकिन हाल ही में हुए एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गंगाजल से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। पशुओं और इंसानों में कई ऐसे रोग होते हैं जिनका इलाज आसानी से गंगाजल के पानी से किया जा सकता है। मनुष्यों और इंसानों में निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर के अलावा बर्न, घाव, सर्जरी व यूरिनल इंफेक्शन जैसी समस्‍याओं को समाधान गंगाजल से होता है, राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च कर खुलासा किया है कि गंगाजल से करीब 8 से ज्यादा बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
जड़ी बूटियों की वजह से : वैज्ञानिक बताते हैं कि हरिद्वार में गोमुख- गंगोत्री से आ रही गंगा के जल की गुणवत्ता पर इसलिए कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह हिमालय पर्वत पर उगी हुई अनेकों जीवनदायनी उपयोगी जड़ी-बूटियों, खनिज पदार्थों और लवणों को स्पर्श करता हुआ आता है।
वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि हिमालय की कोख गंगोत्री से निकली गंगा के जल का ख़राब नहीं होने के कई वैज्ञानिक कारण भी हैं।
सल्‍फर की मात्रा अधिक गंगा के पानी में गंधक (सल्फर) की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है; इसलिए भी यह ख़राब नहीं होता। इसके अतिरिक्त कुछ भू-रासायनिक क्रियाएं भी गंगाजल में होती रहती हैं, जिससे इसमें कभी कीड़े पैदा नहीं होते।
1890 से हो रहा है रिसर्च गंगाजल के ऊपर वर्ष 1890 से रिसर्च चल रही है। अभी भी कई वर्षों से गंगाजल के ऊपर रिसर्च का काम चल रहा है। अभी तक वाराणसी के जल का शोध पर काम चल रहा था, लेकिन जल्‍द ही हर की पौड़ी के जल पर काम शुरु होने वाला है।

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