नेपाल के लोगों ने चीन को दिया ऐसा झटका कि टेंशन में ड्रैगन?
कोलकाता टाइम्स :
नेपाल में इन दिनों चीन की दखल तेजी से बढ़ी है. नेपाल की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों पर टिकी है. इस बात का चीन ने हमेशा फायदा उठाना चाहा है. जानकारों की मानें तो नेपाल में चीन अपनी मनमर्जी चलाना चाहता है. इसके पीछे चीन की सबसे बड़ी चाहत यह है कि नेपाल और भारत के बीच रिश्ते बिगड़ जाएं. चीन की ही चालबाजियों के कारण नेपाल में हमेशा एक अशांत सरकार रही है. लेकिन अब नेपाल का एक वर्ग चीन को अपने देश से बाहर फेंक देना चाहता है.
इसकी जीती-जागती तस्वीर कुछ दिनों पहले काठमांडू में देखने को मिली. काठमांडू में हजारों की संख्या में एकजुट होकर लोगों ने नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने की पुरजोर मांग उठाई. इतना ही नहीं इन लोगों की यह भी मांग थी कि नेपाल में राजशाही फिर से बहाल हो. इन सभी लोगों को नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र का समर्थक बताया जा रहा है.
चीन की दखलअंदाजी की वजह से परेशान लोग सड़क पर उतर आए. हालात इस कदर खराब हुए कि नेपाल सरकार को काठमांडू में दंगा-रोधी पुलिस को भेजना पड़ा. पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के कथित हजारों समर्थकों ने काठमांडू के केंद्र तक पैदल मार्च करने की कोशिश की. हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लोगों पर लाठियां भाजनी पड़ी और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े.
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज लिए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थन में नारे लगा रहे थे.