क्या सूर्य ग्रहण के कारण गर्भ के शिशु के कान कट-फट जाते हैं? क्या है सच?
सूर्य ग्रहणकाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का पालन करना चाहिए, खासकर गर्भवती महिलाओं को, क्योंकि सूर्य ग्रहण को गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बढ़िया नहीं माना जाता है।
हालांकि धर्म से परे जाकर देखा जाए तो इसका एक वैज्ञानिक तथ्य भी है। दरअसल ग्रहों के परिवर्तन के दौरान बहुत सारी Ultraviolet Rays निकलती है,जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अच्छी नहीं होती हैं और इसी वजह से ग्रहणकाल में लोग गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से रोकते हैं और उन्हें खुद को थकाने वाले काम ना करने की सलाह देते हैं।
क्या सूर्य ग्रहण के कारण गर्भ के शिशु के कान कट-फट जाते हैं?
अक्सर आपने सुना होगा कि गर्भवती महिलाओं से कहा जाता है कि वो सूर्य ग्रहण के दौरान चाकू या कैंची का प्रयोग ना करें क्योंकि ऐसा करने से उनकी पैदा होने वाली संतान के कान या नाक कट-फट जाएंगे। हालांकि आज तक ऐसा कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ कि जिसके कान-नाक सूर्य ग्रहण की वजह से कटे-फटे हों।
कैंची, सुई या चाकू वाले काम थकाने वाले होते हैं
हालांकि इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यही है कि कैंची, सुई या चाकू से किए जाने वाले काम हाथ और आंख पर असर डालते हैं, जिसमें गर्भवती महिलाएं थक सकती हैं, ग्रहण काल में निकलने वाले तरंगों से वातावरण काफी भारी हो जाता है, ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य पर उल्टा प्रभाव ना पड़े इसलिए इस तरह के काम से रोका जाता है।
सूर्य और चंद्रमा पर राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा
ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पर राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है, माना जाता है कि ये दिमाग को अशांत करते हैं इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल में शांत रहने और ‘ऊं’ का जाप करने के लिए कहा जाता है, जो कि शिशु के लिए भी अच्छा होता है।
तुलसी का लेप लगाना चाहिए
ग्रहण काल के दौरान महिलाओं के अपने पेट पर तुलसी का लेप लगाना चाहिए इससे पेट को ठंडक मिलती है।