May 19, 2024     Select Language
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सुनेंगे इन हत्या, अपराध और आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ें, तो उड़ जायेंगे होश 

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कोलकाता टाइम्स :
नसीआरबी की ताजा रिपोर्ट आ गयी है। रिपोर्ट में अपराध के हर क्षेत्र में आंकड़ें डरा ही रहे हैं। क्या गांव क्या शहर, क्या महिला अपराध क्या बाल अपराध, क्या भाजपा की सरकार और क्या कांग्रेस की सरकार हर जगह, हर क्षेत्र में, हर पार्टी के शासन में अपराध का ग्राफ बढ़ता ही दिखाई दे रहा है। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 की तुलना में साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बच्चों के खिलाफ अपराध, साइबर क्राइम और राज्य के खिलाफ (यानी सरकार के खिलाफ) अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। क्राइम की ये सालाना रिपोर्ट और ADSI यानी ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड रिपोर्ट समाज और प्रशासन दोनों की कलई खोलते नज़र आ रहे हैं।
भारत में हर घंटे तीन से अधिक लोगों की हत्या हो रही है। ‘क्राइम इन इंडिया-2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भारत में 2022 में कुल 28,522 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं जिससे स्पष्ट है कि हर दिन करीब 78 लोगों की हत्या हुई है। पूरी रिपोर्ट में सुकून वाली बात यह है कि यह आंकड़ा पिछले दो सालों से थोड़ी गिरावट दर्ज़ दिखा रही है। सबसे ज्यादा एफआईआर उत्तर प्रदेश में दर्ज़ है तो राहत यह भी है कि महिलाओं के प्रति हुए अपराध में दोषियों को दंड दिलाने में भी उत्तर प्रदेश ही अव्वल राज्य है। यह रिपोर्ट समाज के लिए भी आइना का काम करती है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार शादी के लिए अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीते वर्ष 9,598 मामले दर्ज किए गए हैं और आबादी के हिसाब से बिहार में इसकी दर सबसे ज्यादा है।
उसके बाद उप्र का नंबर आता है। इस तरह के विवाह को पकडुवा विवाह कहते हैं जिसमें “कमाऊ पूत” को जबरदस्ती उठाकर हथियार के दम पर उसकी अपने परिवार की लड़की से शादी करा दी जाती है और कुछ दिन बंधक बना कर रखते हैं ताकि उनके बीच सम्बन्ध स्थापित हो जाए और कतिपय कारणों से लड़का लड़की को छोड़ नहीं पाए। एक तरफा प्रेम प्रसंग के मामलों में लड़कियों के भी अपहरण होते हैं और ऐसे ही जबरन विवाह किये जाते हैं पर समाज के तौर पर यह देखने की जरुरत है कि जबरदस्ती की ऐसी शादियों का हश्र क्या होता होगा या क्या हो सकता है? अभी हफ्ते भर पहले ही पटना न्यायालय ने एक ऐसे ही विवाह की मान्यता 7 साल बाद रद्द कर दी है।
आंकड़ें बताते हैं कि प्रेम प्रसंग में की गयी हत्याएं भारत में हत्या के कारणों में तीसरे नंबर पर आती हैं। इसमें ऑनर किलिंग, एकतरफा प्यार, विवाहोत्तर संबंध प्रमुख कारण हैं। परन्तु प्रेम जैसी विशद्ध भावना जिसे हम ईश्वरीय अनुभूति मानते हैं वहां हत्या जैसे जघन्य अपराध का शामिल होना सभ्य समाज के काले पक्ष को उजागर करता है। बच्चों ने अपनी पसंद से विवाह कर लिया तो माता-पिता उन्हें मारने में नहीं हिचकिचाते तो कहीं माता-पिता विवाह में रोड़ा बने तो कलियुगी संतान उनको काँटा मान रास्ते से हटाने में हिचकिचाते नहीं हैं। प्रेम में माता-पिता का दम्भ बच्चों को मार देता है और बच्चों की जिद्द माता-पिता की जान ले लेती है।

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