खामियों के साथ लोकतंत्र भी, रिपोर्ट में भारत 167 देशों में 41वीं रैंकिंग पर
कोलकाता टाइम्स :
ब्रिटिश अखबार द इकोनॉमिस्ट ने 167 देशों में लोकतंत्र की रैंकिंग को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें 167 देशों को 4 कैटेगरी में बांटा गया है. पूर्ण लोकतंत्र, खामियों वाला लोकतंत्र और अथॉरिटेरियन रेजीम (जहां एक सिस्टम तानाशाही के रोल में होता है.
चौथी कैटेगरी हाइब्रिड रेजीम की है, यानी वो देश जहां पूरी तरह से न लोकतंत्र है और न ही तानाशाही. इस लिस्ट में भारत को 7.18 स्कोर के साथ 41वीं रैंकिंग मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुछ खामियों के साथ लोकतंत्र मौजूद है.
दूसरी तरफ रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में पाकिस्तान की रैंकिंग में बड़ी गिरावट आई है. पाकिस्तान 11 पायदान नीचे खिसकर 118वीं रैंक पर पहुंच गया है. खुद को दुनिया का पांचवा बड़ा लोकतंत्र बताने वाले पाकिस्तान का स्कोर 3.25 है, यानी यहां पर तानाशाही है.
भारत के स्कोर में बड़ी गिरावट साल 2019 में दर्ज की गई थी. हालांकि, इसके बाद से देश का स्कोर लगातार बेहतर हुआ है. लिस्ट में टॉप पर नॉर्वे है. यहां पूर्ण लोकतंत्र है. इसके बाद न्यूजीलैंड, आइसलैंड और स्वीडन का नंबर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में 24 देशों में पूर्ण लोकतंत्र है, 50 देशों में खामियों वाला लोकतंत्र है तो वहीं सबसे ज्यादा 59 देशों में तानाशाही है. 167 में से 34 देश ऐसे हैं, जहां हाइब्रिड रिजाइम है. इसमें बांग्लादेश, भूटान और तुर्किये जैसे देश शामिल हैं.
वहीं चीन की रैंकिंग पाकिस्तान से भी कम है. द इकोनॉमिस्ट ने चीन को 148वें पायदान पर रखा है. चीन का स्कोर 2.12 है, जो यहां की सरकार को तानाशाह की कैटेगरी में रखता है. अमेरिका 7.85 स्कोर के साथ 29वें नंबर पर है, तो वहीं ब्रिटेन को 18वीं रैंक मिली है.