बुआ की चाल अखिलेश पर गिरायेगी बिजली
अखिलेश यादव कांग्रेस से ज्यादा सीटों पर यूपी में लड़ रहे हैं. उन्होंने पीडीए फॉर्मूले को काफी उछाला है, जिसमें A का मतलब अल्पसंख्यकों से ही है. अब अगर बसपा उनके वोट बैंक में सेंध लगाती है तो फायदा सीधे बीजेपी को होगा.
सैफी ओबीसी मुस्लिम हैं और इस समय मुरादाबाद जिले में ठाकुरद्वारा नगर पालिका के चेयरमैन हैं. 2019 में बसपा ने यहां चुनाव नहीं लड़ा था. यह सीट गठबंधन में सपा के पास थी और उसके नेता एसटी हसन ने जबर्दस्त जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस और सपा का गठबंधन है और मुरादाबाद सीट अखिलेश यादव ने अपने पास रखी है.
मुजाहिद हुसैन को यहां से बसपा ने उतारा है. वह मुस्लिमों में उच्च जाति के माने जाते हैं. वह एक बिजनसमैन हैं. उनकी पत्नी गाजियाबाद जिले की डासना नगर पंचायत की चेयरपर्सन हैं. यहां से कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.
पिछली बार बसपा के सांसद दानिश अली जीते थे लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. हाल में वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ न्याय यात्रा में भी दिखे थे. अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं.