November 23, 2024     Select Language
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अगली महामारी फ़ैलाने से यह गुफा कुछ कदम दूर 

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कोलकाता टाइम्स :
केन्या के माउंट एल्गॉन नेशनल पार्क में स्थित किटम गुफा को दुनिया की सबसे घातक गुफा के रूप में जाना जाता है. इसके अंदर इबोला और मारबर्ग जैसे कुछ बेहद खतरनाक वायरस हैं. एक्सपर्ट अब चिंतित हैं कि मारबर्ग वायरस अगले बड़े प्रकोप का कारण बन सकता है, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसके बारे में चेतावनी जारी की है.

मारबर्ग एक ऐसी बीमारी है जो ब्लीडिंग और बॉडी फंक्शन में रुकावट से चिह्नित होती है. यह जानलेवा हो सकती है. इसका मृत्यु अनुपात 88% तक है.

यह वायरस संक्रमित लोगों के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है. यहां तक कि उनके द्वारा उपयोग किए गए तौलिये जैसी चीजों को छूने से भी यह फैल सकता है. साथ ही, अफ़्रीका में आम तौर पर पाए जाने वाले फ्रूट बैट/चमगादड़ भी वायरस ले जा सकते हैं, जिससे इसका फैलना आसान हो जाता है.

रोगियों में लक्षण प्रकट होने से पहले वायरस आमतौर पर कम से कम तीन सप्ताह तक निष्क्रिय रहता है. हालांकि, शुरुआती लक्षण अक्सर मलेरिया और इबोला जैसे होते हैं. उन्नत चरणों में, यह शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे आंख, नाक और मसूड़ों से ब्लीडिंग का कारण बन सकता है. वायरस के खिलाफ कोई टीका नहीं है, इसलिए डॉक्टर दवाओं और तरल पदार्थों के साथ लक्षणों का इलाज करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

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