कहाँ 600 कहाँ 50-60, पाक का बिजनेस प्लान को दिखाया ऐसी सच्चाई कि शहबाज शरीफ को होना पड़ा शर्मसार
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दरअसल कंगाली में डूबा पाकिस्तान भारत से उम्मीद कर रहा है कि वो उस पर रहम खाए, उसके साथ व्यापार शुरु करे. लेकिन भारत ने एक बार नहीं हजारों बार ये बात साफ कर दी है कि बातचीत, व्यापार और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते.
विदेश मंत्री जयशंकर कह चुके हैं कि हमने कई बार ये एकदम साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद के किसी भी खतरे को भारत से उचित जवाब मिलेगा.
यानी पाकिस्तान भारत से व्यापारिक संबंध रखने के लिए उतावला हो रहा है. लेकिन भारत उसे उसकी नापाक चालें रोकने के लिए चेतावनी दे रहा है. अब पाकिस्तान की जनता भी मानती है कि भारत से पाकिस्तान की कोई तुलना ही नहीं है.
पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि बड़े दुख वाली बात ये है कि हमारी तुलना भारत से करना बनता ही नहीं है, हमारी औकात 50-60 मिलियन डॉलर मांग कर बनती है.. और एक 600 बिलियन डॉलर की इकॉनोमी है. आप खुद देखों हमारी तुलना उसने कैसे हो सकती है.
पाकिस्तान के विशेषज्ञ साद हाफिज ने अपने आर्टिकिल में पाकिस्तानी हुक्मरानों को आईना दिखाया है. उन्होंने लिखा- ‘आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के हालात जटिल बने. नतीजा ये कि भारत ने अपनी रणनीति बदल दी. अब भारत आर्थिक दबाव की नीति की तरफ शिफ्ट कर गया’. यानी भारत को पाकिस्तान की कोई जरूरत है ही नहीं.