सावधान : कोरोना के नए वेरिएंट तेजी से फैल रहा भारत में, अमेरिका में पहले ही मचाया आतंक
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कोलकाता टाइम्स :
कोरोनावायरस वेरिएंट्स का नया रूप फ़्लर्ट तेजी से अमेरिका में फैल रहा है. यह कोविड-19 (SARS-CoV-2) के ओमीक्रोन JN.1 लीनिएज से निकला है. इसके स्पाइक प्रोटीन में KP.2 and KP1.1 म्यूटेशंस हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पिछले वेरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हो सकता है. इनफेक्शियस डिजीजेज सोसायटी ऑफ अमेरिका के मुताबिक, वहां KP.2 के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. 14 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच आए कोरोना केसेज में से करीब एक-चौथाई इसी KP.2 वेरिएंट के थे. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, सितंबर 2023 के बाद से, अमेरिका में केवल 22.6% एडल्ट्स को ही अपडेटेड 2023-24 कोविड-19 वैक्सीन लगी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि आबादी में इम्यूनिटी घट रही है जिसकी वजह से कोरोना लहर का खतरा है. क्या अमेरिका में फैल रहे कोविड वेरिएंट से भारत को चिंतित होना चाहिए? नए FLiRT वेरिएंट के बारे में 5 अहम बातें जानिए.
अभी फैल रहे नए वेरिएंट्स KP.2 and KP1.1 को FLiRT वेरिएंट्स कहा जा रहा है. Infectious Diseases Society of America के मुताबिक, FLiRT नाम वायरस के म्यूटेशन के तकनीकी पदनामों से लिया गया है. ये ओमीक्रोन JN.1 के वंशज हैं जो पिछले साल सर्दियों में फैला था.
FLiRT वेरिएंट की वजह से अमेरिका में नए मामले बढ़े हैं. कुछ मरीजों को अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा है. यूनाइटेड किंगडम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड में भी FLiRT केसेज के बढ़ने से नई कोरोना लहर का खतरा पैदा हो गया है. भारत में कोविड-19 के जीनोमिक्स कंसोर्टियम INSACOG के मुताबिक, 6 मई तक देश में KP.2 के 238 मामले और KP1.1 के 30 मामले दर्ज किए गए थे.
नए वेरिएंट के लक्षण बाकी ओमीक्रोन वेरिएंट्स जैसे ही हैं. गले में खराश, खांसी, मतली, नाक बंद होना, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, स्वाद न आना आदि लक्षण FLiRT के मरीजों में भी मिले हैं.
जापानी रिसर्चर्स ने पाया है कि KP.2 में JN.1 के पिछले वेरिएंट्स की तुलना में इम्यून सिस्टम का मुकाबला करने की ज्यादा ताकत है. Kei Sato लैब में चली रिसर्च में KP.2 सबसे अपडेटेड वैक्सीन की प्रोटेक्शन को भी मात देने में सफल रहा. यह JN.1 के बाद वाले वेरिएंट्स से ब्रेकथ्रू इंफेक्शन वाली इम्यूनिटी को भी चकमा दे देता है. बढ़ी हुई संक्रामकता का मतलब यह नहीं है कि नए वेरिएंट ज्यादा गंभीर कोविड बीमारियों का कारण बनेंगे.
भारत में अप्रैल से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए हैं. हर छह में से एक टेस्ट पॉजिटिव निकल रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी यह कह पाना मुश्किल है कि भारत में बढ़ रहे मामले KP.2 या KP1.1 की वजह से हैं.