July 1, 2024     Select Language
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सबसे करीब ऐसी ‘धरती’ मिली वैज्ञानिकों को, यहां रहना सपनों जैसा !

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कोलकाता टाइम्स : 
वैज्ञानिकों ने बताया है, कि खोजा गया यह नया प्लेनेट लगभग 40 लाइट ईयर दूर एक छोटे तारे की परिक्रमा कर रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लिसे 12बी नाम का प्लेनेट एक्सोप्लैनेट कॉन्स्टिलेशन पिसेस में स्थित एक कूल रेड ड्वार्फ स्टार की परिक्रमा करता है. यह रेड ड्वार्फ स्टार हमारे सूर्य के साइज का लगभग 27% और उसके टेंपरेचर का 60% है.
साथ ही वैज्ञानिकों ने बताया है, कि ग्लिसे 12बी का स्टार सूर्य से बहुत छोटा है, इसलिए यह प्लेनेट हैबिटेबल जोन यानी रहने लायक है. इस प्लेनेट की अपने स्टार से जो आइडियल डिस्टेंस है, उस हिसाब से देखा जाए तो यहां पानी मौजूद हो सकता है. यह प्लेनेट हर 12.8 दिनों में अपनी ऑर्बिट पूरी करता है.
बताया जा रहा है, कि वैज्ञानिकों ने ग्लिसे 12बी की सतह का तापमान लगभग 107 डिग्री फारेनहाइट (42 डिग्री सेल्सियस) होने का कैलकुलेशन किया है.
टोक्यो में एस्ट्रोबायोलॉजी सेंटर में प्रोजेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर मासायुकी कुजुहारा ने बताया कि हमने आज तक की सबसे नियरेस्ट, ट्रांजिटिंग, टेंपरेचर, पृथ्वी के आकार की दुनिया ढूंढ ली है.  एक बार पृथ्वी जैसे टेंपरेचर वाले प्लेनेट्स की पहचान हो जाती है, तो फिर साइंटिस्ट यह तय करने के लिए उनको एनालाइज कर सकते हैं कि उनके वायुमंडल में कौन से तत्व मौजूद हैं और सबसे जरूरी जीवन को बनाए रखने के लिए वहां पानी मौजूद है या नहीं.
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में डॉक्टरेट की स्टूडेंट लारिसा पालेथोरपे ने बताया, कि हमने पाया है कि कुछ ही एक्सोप्लैनेट हैं, जो जीवन की संभावना के लिए अच्छे उम्मीदवार हैं. अब यह जो नया एक्सोप्लैनेट है, वो हमारे सबसे नजदीक है और इसलिए यह काफी बड़ी खोज है.
साथ ही, पालेथोरपे ने बताया कि इस प्लेनेट पर पहुंचा नहीं जा सकता है, क्योंकि यह लगभग 40 लाइट-ईयर दूर है. वर्तमान में मौजूद सबसे तेज स्पेसक्राफ्ट यानी अंतरिक्ष यान से ग्लिसे 12बी तक पहुंचने में लगभग 2.25 लाख साल लगेंगे.

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