यूक्रेन के परमाणु पनडुब्बी सीमा पर देख अमेरिका ने स्टेल्थ बॉम्बर की तैनाती कर कहा सावधान
सबसे बड़ी बात ये है कि रूस की ये परमाणु पनडुब्बी अमेरिका से सिर्फ 150 किलोमीटर की दूरी पर है. G7 की बैठक से ठीक पहले पुतिन का ये बवंडर क्या रंग दिखाएगा इसपर अब पूरी दुनिया की नज़र है. G7 की बैठक में विश्व नेताओं का इटली पहुंचने का सिलसिला जारी है. वही G7 जो एक बड़ा ग्लोबल पॉलिसी फोरम है. इसमें शामिल सातों देश मिलकर पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं. और भारत भी अपनी बात विश्व मंच पर रखेगा. लेकिन इससे ठीक पहले व्लादिमीर पुतिन ने जो किया है उससे एक बड़ी हलचल फैल गई है.
रूस की परमाणु पनडुब्बी कजान अमेरिका के दरवाजे पर मौजूद क्यूबा में पहुंची है. रूस के युद्धक जहाज फ्रिगेट एडमिरल गोर्शकोव के नेतृत्व में रूसी युद्धक जहाजों का बेड़ा युद्धाभ्यास के लिए क्यूबा के बंदरगाह पर पहुंचा है, जो यहां 5 दिनों तक रहेगा. इसमें रूस की परमाणु पनडुब्बी कजान भी शामिल है. रूसी परमाणु पनडुब्बी कजान गाइडेड मिसाइल से लैस है. बेड़े की अगुवाई कर रहे एडमिरल गोर्शकोव को रूस के सबसे आधनिक युद्धपोत में गिना जाता है. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गोर्शकोव कैलिबर मिसाइल के साथ ही हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकान से भी लैस है.
हालांकि, क्यूबा का दावा है कि परमाणु पनडुब्बी कजान समेत बेड़े के जहाज पर परमाणु हथियार नहीं हैं. क्यूबा के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि किसी भी जहाज पर परमाणु हथियार नहीं है, इसलिए इनके देश में रुकने से क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है. इन दावों के बावजूद रूसी जहाजों का अमेरिकी जलक्षेत्र से महज कुछ किमी की दूरी से गुजरना महत्वपूर्ण है. खासतौर पर जब पुतिन ने धमकी दी है कि वे अपने शक्तिशाली हथियारों को उन देशों और क्षेत्रों में तैनात करेंगे जहां से पश्चिमी देशों को निशाना बनाया जा सके.
वहीं एक और बड़ा घटनाक्रम ये हुआ है कि रूस ने अपने सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज में डॉलर और यूरो में ट्रेडिंग बंद करने का फैसला लिया है. अब कोई भी डॉलर और यूरो का इस्तेमाल करते हुए मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग नहीं कर पाएगा. रूस पर लगाए गए ताजा प्रतिबंधों के बाद ये फैसला लिया गया है.
नॉर्वे से क्यूबा तक पहुंचने के दौरान रूसी बेड़े पर नाटो के अमेरिकी समुद्री गश्ती और टोही विमान पी-8 पोसाइडन के जरिए नजर रखी जा रही थी. वहीं अमेरिका ने ये तस्वीरें जारी करके अपनी मंशा भी जाहिर कर दी है. स्टेल्थ बॉम्बर की तैनाती से अमेरिका ने पुतिन को सावधान कह दिया है.
रूस और क्यूबा ने पहले घोषणा की थी कि पुतिन के जहाज 12 से 17 जून तक क्यूबा के जलक्षेत्र में रहेंगे. जहाजों के वेनेजुएला में बंदरगाह पर आने की भी उम्मीद है. अमेरिका ने रूसी युद्धपोत की मौजूदगी को नोट तो कर लिया है लेकिन अभी तक इसे खतरा या चिंता वाली बात नहीं बताया है. लेकिन एक बात तय है कि इस पूरी कार्रवाई को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की धमकी के तौर पर देखा जा रहा है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन को रूस के अंदर हमला करने के लिए अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने से भड़के हुए हैं.