कोलकाता टाइम्स :
केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना शुरू की. अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी अपने यहां सस्ती दर पर राशन या फ्री राशन योजना कार्ड धारकों के लिए शुरू की. इसके तहत लागू शर्तों के आधार पर गरीब परिवारों को मुफ्त राशन योजना का फायदा दिया जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश में मुफ्त राशन के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है. राज्य में करीब 12 लाख अपात्र कार्ड धारक मुफ्त राशन योजना का फायदा उठा रहे थे. इतना ही नहीं इनमें से 7 लाख से भी ज्यादा कार्डधारक ऐसे हैं जो हर साल इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं.
यूपी में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) से जुड़े राशन कार्डों के डिजिटल वेरीफिकेशन में बड़ी धांधली सामने आई है. जांच में पाया गया कि 11.89 लाख अपात्र परिवार सरकार की मुफ्त राशन योजना का फायदा ले रहे हैं. ये आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं. इसी कारण राज्य का खाद्य एवं रसद विभाग जिला स्तर पर दोबारा जांच करा रहा है. इसके अलावा इस तरह की किसी भी धांधली से निपटने के लिए राशन कार्डलाभार्थियों का ई-केवाईसी भी कराया जा रहा है. राशन कार्ड में मौजूद सभी यूनिट का ‘बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन’ किया जा रहा है. इसके साथ ही करीब 4 करोड़ यूनिट का ई-केवाईसी का काम भी हो चुका है.
राशन कार्ड में मुफ्त राशन के नाम पर बड़ी धांधली का आरोप लग रहा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही जांच में आयकरदाताओं के भी फ्री राशन का फायदा लेने की जानकारी सामने आई है. 7.27 लाख यूनिट इनकमटैक्स पेयर्स ऐसे थे, जो राज्य में फ्री राशन का फायदा ले रहे हैं. मुफ्त राशन लेने वालों टैक्सपेयर्स के आंकड़े सीबीडीटी से हासिल किया गया है. यह आधार से लिंक कराए गए पैन कार्ड के बेस पर संभव हुआ है. ढाई लाख मामले ऐसे सामने आए जिसमें निराश्रित महिला पेंशन लाभार्थी के पति मौजूद हैं.