September 21, 2024     Select Language
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37 साल तक नहीं रुके, आखिर खोज ही निकाला अपना बिछड़ा बच्चा

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कोलकाता टाइम्स : 
दादी का मानना ​​था कि माता-पिता पहले से ही दो बेटों के होने के कारण एक और बच्चे का खर्च नहीं उठा सकते. झाओ ने दादी को कितनी रकम दी, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ली और उनकी पत्नी, जो लड़के के माता-पिता हैं, केवल इतना जानते थे कि झाओ का गृहनगर चीन के शांडोंग प्रांत में है. दादी की मृत्यु के बाद, कपल ने अपने बेटे की तलाश में तीन दशकों तक दुनिया भर की यात्रा की.

फरवरी में, कपल को अपने रक्त के नमूनों से मेल खाने वाला एक व्यक्ति मिला. सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पैंग उपनाम वाला यह व्यक्ति जो शांदोंग प्रांत के झाओझुआंग में रहता था. बता दें बच्चे को उनके जैविक माता-पिता से फिर से मिलाने की पहल में, चीनी अधिकारियों ने 2009 में एक डीएनए डेटाबेस स्थापित किया.

बच्चे और उसके माता-पिता के खून की जांच शांक्सी पुलिस द्वारा दो बार की गई ताकि यह पुष्टि की जा सके कि वे जैविक रूप से संबंधित हैं. 3 अगस्त को, पुलिस अधिकारियों की मदद से, पैंग आखिरकार 37 साल के लंबे अंतराल के बाद अपने जन्मस्थान वेनान में अपने माता-पिता से मिला.

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