जरूर जाने, बुजुर्गों के लिए यह खास खबर
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कोलकाता टाइम्स :
बुजुर्ग नागरिकों के रहने के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और उपेक्षा मुक्त माहौल की ज़रुरत पर प्रकाश डालते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने करीब 80 वर्षीय एक महिला के बेटे, बहू और पोते-पोतियों को उस घर को खाली करने का आदेश दिया है, जिसमें वे इन बुजुर्ग माता-पिता के साथ रह रहे थे.
खबरों की माने तो…. सीनियर सिटिजन महिला ने बेटे और बहू पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम’ के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि- वह संपत्ति की अकेली और पंजीकृत स्वामी हैं और उनके बेटे और बहू किसी ने भी उनकी या उनके पति की देखभाल नहीं की है.
इस पर अदालत का कहना है कि- यह मामला बार-बार होने वाले सामाजिक मुद्दे को उजागर करता है, जहां वैवाहिक कलह न केवल दंपति के जीवन को बाधित करता है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को भी काफी हद तक प्रभावित करता है. इस मामले में बुजुर्ग माता-पिता को अपने जीवन के नाजुक चरण में लगातार पारिवारिक विवादों के कारण अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा है.
यह स्थिति पारिवारिक विवादों के बीच वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर ध्यान देने की जरूरत को दर्शाती है.
खबरों की माने तो…. सीनियर सिटिजन महिला ने बेटे और बहू पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम’ के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि- वह संपत्ति की अकेली और पंजीकृत स्वामी हैं और उनके बेटे और बहू किसी ने भी उनकी या उनके पति की देखभाल नहीं की है.
इस पर अदालत का कहना है कि- यह मामला बार-बार होने वाले सामाजिक मुद्दे को उजागर करता है, जहां वैवाहिक कलह न केवल दंपति के जीवन को बाधित करता है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को भी काफी हद तक प्रभावित करता है. इस मामले में बुजुर्ग माता-पिता को अपने जीवन के नाजुक चरण में लगातार पारिवारिक विवादों के कारण अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा है.
यह स्थिति पारिवारिक विवादों के बीच वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर ध्यान देने की जरूरत को दर्शाती है.