इस शहर के लोगों के लिए जान पर बन आयी, रात के वक्त भी बढ़ा ओजोन का लेवल
कोलकाता टाइम्स :
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 13 सितंबर को नई दिल्ली में 30वें विश्व ओजोन दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था. विश्व ओजोन दिवस 2024 का थीम है ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना’. भारत, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में पार्टी है. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसका मकसद ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और खपत को कम करके ओजोन परत की रक्षा करना है
अधिकांश ओजोन, ओजोन परत में ही पाई जाती है लेकिन जमीन के पास इसकी मौजूदगी जीवन के लिए घातक है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की हालिया रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली-NCR में ग्राउंड-लेवल ओजोन खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. स्टडी के मुताबिक, 1 जनवरी से 18 जुलाई के बीच – 200 दिनों के दौरान – दिल्ली-एनसीआर में ग्राउंड-लेवल ओजोन की अधिकता के 176 दिन दर्ज किए गए.
रिसर्च के अनुसार, रात के समय हवा में ग्राउंड-लेवल ओजोन बहुत कम होनी चाहिए. जब किसी भी जगह पर ओजोन की प्रति घंटे सांद्रता रात 10 बजे से सुबह 2 बजे के बीच 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक हो जाती है, तो रिसर्च में इसे ओजोन की अधिकता माना गया. CSE ने कहा कि वैसे तो रात में जमीन पर ओजोन का स्तर कायदे से नगण्य हो जाना चाहिए, लेकिन 10 शहरों में दुर्लभ घटना देखने को मिल रही है. वहां पर ओजोन लेवल्स देखे गए.