विंटर में सबसे ज्यादा बेक़रार दिल, जाने कारण और बचाव के उपाय
शारीरिक गतिविधि में कमी: सर्दियों के दौरान खराब जीवनशैली और खानपान स्ट्रोक की एक बड़ी वजह है। दरअसल, ठंड बढ़ने से शारीरिक गतिविधि में कमी आती है और लोग आलस की वजह से अक्सर घर के अंदर रहते हैं। इस दौरान लोग व्यायाम कम करते हैं और हाई कैलोरी युक्त फ़ूड का सेवन ज़्यादा करते हैं जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। इस कारण ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल भी तेजी से बढ़ता है। ये कारक रक्त के गाढ़ेपन और थक्के बनने की संभावना को तेजी से बढ़ाते हैं।
कम तापमान: सर्दियों में तापमान कम होने की वजह से खून गाढ़ा होने लगता है जिससे रक्त में थक्का बनने लगता है और फिर इससे मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती है। इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक के लिए खतरनाक, जहां रक्त के थक्के मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बाधित करते हैं।
फ्लू: सर्दी में फ्लू जैसे श्वसन संक्रमण की दर बढ़ जाती है। ये संक्रमण सूजन का कारण बनते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ सकता है और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। सूजन धमनियों में प्लाक के फटने की संभावना को बढ़ाती है, जिससे थक्का बन सकता है और अंततः स्ट्रोक हो सकता है।
कैसे करें अपना बचाव?
विंटर स्ट्रोक से बचने के लिए सर्द हवाओं से बचना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आपको अपने आप को एक्टिव रखना होगा। जीवनशैली को बेहतर करन जैसे- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित डाइट लेना। रक्त वाहिका संकुचन को रोकने के लिए हमेशा गर्म कपड़े पहनने चाहिए और जोखिमों को कम करने के लिए श्वसन संक्रमण के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए।