इस बात पर छुट्टी लेने पर महिला को लगा ऐसा जुर्माने की रकम सुनकर बेहोश हो जाएंगे!
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कोलकाता टाइम्स :
छुट्टी लेने के लिए कर्मचारियों को बहाना बनाते हुए तो आपने सुना होगा। बुखार है, किसी शादी में जाना और भी ऐसे कई छोटे-मोटे बहाने मारकर हम बॉस से छुट्टी लेने की फरियाद करते हैं। लेकिन हाल ही में एक ऐसा वाकिया सामने आया है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। एक चीनी महिला ने छुट्टी के लिए बीमारी का बहाना बनाया, लेकिन उसके बाद कैसे उस महिला को लेने के देने पड़ गए, ये जानकर आप भी बहाना बनाकर छुट्टी लेने से तौबा कर लेंगे।सिंगापुर की एक अदालत ने एक 37 वर्षीय चीनी महिला पर 5,000 सिंगापुर डॉलर (लगभग 3,26,681 रुपए) का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगाने की वजह थी, झूठ बोलकर 9 दिन की छुट्टी लेना। दरअसल, सु जिन नाम की यह महिला ETC सिंगापुर SEC में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करती थीं। सु जिन को स्वास्थ्य परेशानियों और अपनी मां की सेहत की चिंता की वजह से काम से कुछ समय का ब्रेक लेकर उनके पास जाना चाहती थीं। हालांकि, इसके लिए उन्होंने अपने HR से सच बताने की जगह नकली मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया, जिसके तहत उन्हें कुल 3,541.15 सिंगापुर डॉलर का मेडिकल लीव वेतन मिला। उन्होंने चीन में अपनी मां के साथ ज्यादा समय बिताने के लिए और छुट्टी बढ़वाने के लिए अपनी मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया।
इन सभी के पीछे उनकी मंशा भले ही कितनी भी नेक थी, लेकिन तरीका बड़ा टेढ़ा चुना था। जिसके कारण उन्हें बाद में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। हुआ यूं कि सु जिन ने ये सर्टिफिकेट फोटोशॉप की मदद से बनवाए थे। उन्होंने एक असली सर्टिफिकेट को एडिट किया और उसमें अस्पताल का नाम बदलकर “सेंट ल्यूक अस्पताल” कर दिया और अपनी सुविधा के लिए तारीख भी बदल दी। हालांकि, इस दौरान इन्हें कोई परेशानी नहीं हुई।परेशानी तब शुरू हुई जब उन्होंने 4 अप्रैल को कंपनी से इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के बाद उस कंपनी के HR विभाग ने उनकी छुट्टी और इंसेंटिव्स की जांच शुरू की। इसमें पता चला कि सु जिन द्वारा जमा किए गए सर्टिफिकेट का QR कोड धुंधला था और वेब लिंक भी काम नहीं कर रहा था। जब उन्हें असली सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कहा गया, तब उन्होंने एक फर्जी QR कोड और लिंक बनाया और दूसरा फर्ची मेडिकल सर्टिफिकेट जमा किया।
हालांकि, तब तक सु जिन शक के दायरे में आ चुकी थीं और वो पकड़ी गईं। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बर्खास्त कर दिया गया और पुलिस रिपोर्ट भी दायर करवाई गई। उन्हें इस मामले में दोषी पाया गया और उन्हें कंपनी को मुआवजा देना पड़ा, जिसकी रकम करीब तीन लाख रुपए थी।