सर मिला सौ साल पहले, अब मिले 29 टुकड़ों ने उड़ाया होश

कोलकाता टाइम्स :
भारतीय और कंबोडियाई विशेषज्ञों की एक टीम ने यहां 12वीं या 13वीं सदी की एक ऐतिहासिक बुद्ध प्रतिमा का धड़ खोजा है. खास बात यह है कि यह धड़ लगभग एक शताब्दी पहले मिले एक सिर से मेल खाता है जिससे इसकी पहचान बरकरार रह सकती है. खुदाई के दौरान यह मूर्ति कुल 29 टुकड़ों में मिली जिन्हें जोड़ने पर एक संपूर्ण प्रतिमा की संभावना नजर आ रही है.
असल में इस खुदाई से जुड़े पुरातत्ववेत्ता नेथ साइमन ने बताया कि ताप्रोहम मंदिर में खुदाई के दौरान इस मूर्ति के मिलने की उम्मीद नहीं थी. आमतौर पर इस तरह की खुदाइयों में छोटे छोटे टुकड़े मिलते हैं लेकिन इस बार एक पूरी मूर्ति के टुकड़े मिलना बेहद खास है. यह प्रतिमा नक्काशीदार आभूषणों, पारंपरिक वस्त्रों और विशेष कमरबंद से सुशोभित है जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को और अधिक बढ़ाते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इस प्रतिमा का सिर पहले ही मिल चुका था. 1927 में फ्रांसीसी औपनिवेशिक काल के दौरान पुरातत्वविदों ने इस मंदिर से एक बुद्ध प्रतिमा का सिर खोजा था जिसे अब कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह के राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है. अगर यह नया मिला धड़ और वह सिर आपस में मेल खा जाते हैं तो यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पुनर्स्थापना होगी.