इस एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए चाहिए चार कांधा, मिलते हैं सिर्फ ओआनवे टिकिट
[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स
मौत तो हर एक को आनी है। आज नहीं तो कल। लेकिन फिरभी श्मशान घाट का नाम सुनते ही हर कोई सहम जाता है। हमारे इसी डर को दूर करने का प्रयास किया है गुजरात के सोमाभाई पटेल ने। इन्होंने अपने गृह राज्य गुजरात के बारडोली में एक अनोखे हवाई अड्डे का निर्माण किया है। हालाँकि इस हवाई अड्डे से उड़न भरने के लिए चार कांधों के सहारे आना होता है। दरअसल यह एक श्मशान घाट जो ठहरा। इसका नाम ‘अंतिम उड़ान मोक्ष यात्रा’ रखा गया है।
यह श्मशान देश में अपने आप में इकलौता है जिसे एयरपोर्ट की तर्ज पर लुक दिया गया है। इस श्मशान घाट में हवाई जहाज के दो विशाल रेप्लिका रखे गए हैं, जिनके नाम मोक्ष एयरलाइन्स और स्वर्ग एयरलाइन्स हैं। इस श्मशान घाट की सबसे अनोखी बात यह है कि जब भी कोई शव अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंचता है, एयरपोर्ट की तरह एनाउंसमेंट होती है। एनाउंसमेंट कर बताया जाता है कि किस गेट से प्रवेश करना है। इस घाट पर मृतक के परिजनों को सांत्वना देने और ढांढस बंधाने के लिए इंतजाम किए गए हैं। प्रवेश से लेकर पार्थिव देह को भट्टी तक पहुंचाने तक की प्रक्रिया हवाई अड्डे के माहौल जैसी बनेगी।
इस श्मशान में पांच चितास्थल हैं, जिनमें से तीन में इलेक्ट्रिक मशीनों से दाह संस्कार किया जाता है और बाकि दो में लकड़ियों से शव को जलाया जाता है। शव जलने के दौरान हवाई जहाज की तरह ही आवाज आती है। पिछले एक साल से इस श्मशान को मोक्ष एयरपोर्ट में बदलने की कोशिश की जा रही थी। यहां अंतिम संस्कार के लिए करीब 40 गांवों के लोग आते हैं।