दुनिया में बहुत तरह के लोग रहते हैं। हर किसी का रहन-सहन,खान-पान और रिति-रिवाज अलग-अलग तरह के होते हैं। इसी तरह हर जगह का तापमान भी एक जैसा नहीं होता, कहीं तपती गर्मी तो कहीं कड़कती ठंड़ वहां रह रहे लोगों के लिए सहन करना भी मुश्किल हो जाता है। आज हम ऐसी ही एक जगह के बारे में बात कर रहे हैं जहां पर तापमान -50 डिग्री तक भी पहुंच जाता है।
यह यूरोप में स्थित सबसे साइबेरिया में है। यहां पर रुम के यमल-नेनेट्स में -45 डिग्री के आसपास तापमान रहना आम बात है। कई बार तो यहां का पारा इससे भी कम हो जाता है। जिसमें लोगों के लिए सांस तक लेना मुश्किल हो जाता है।
इसी कारण शायद यहां पर रह रहे लोग अब तक गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। इस ठंड़ में आसानी से रहने के लिए लोगों को जानवरों का खून पीना पड़ता है। यहां पर लाखों की तादाद में बारहासिंघा भी रहते हैं, जिन्हें ढूढंने में लोगों को कोई परेशानी भी नहीं होती। शायद यही कारण है कि लोग इनका मांस खाते और खून पीते हैं। जिससे इनका शरीर अंदरूनी रूप से गर्म रहता है। यहां की स्थानीय भाषा में इनको यमल-नेनेट्स कहते हैं। इसका मतलब है ‘इज़ ऑफ द वर्ल्ड’ यानी दुनिया का किनारा।