इस पहाड़ी पर है ‘रावण’ का ताबूत, दशानन का शरीर भी
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कोलकाता टाइम्स
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रावण के के बारे में तो हर कोई जानता है जिसने भगवान् राम की पत्नी सीता माता का हरण किया था। बाद में जब भगवान् राम माँ सीता को बचाने श्रीलंका गए तब रावण से उनका युद्ध हुआ और इस युद्ध में रावण का वध करके भगवन राम ने सीता माँ को रावण की लंका से मुक्त कराया था। अब उसी रावण का मृत शरीर श्रीलंका में मिला है।
रावण इतना शक्तिशाली था कि उसका वध करने के लिए खुद भगवान को मानव अवतार लेना पड़ा था. भगवान राम ने रावण का वध करके विश्व में यह संदेश दिया था कि हर परिस्थति में सच्चाई ही की जीत होती है. बरहलाल श्रीलंका में वह स्थान ढूंढ लिया गया है, जहां रावण की सोने की लंका थी और जहां रावण के मरने के बाद उसका शव रखा गया है।
दरअसल श्रीलंका के इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर रामायण से जुड़े ऐसे 50 स्थल ढूंढ लिए हैं जिनका पुरातात्विक और ऐताहासिक महत्व है और जिनका उल्लेख रामायण में भी मिलता है. गौरतलब है, कि श्रीलंका सरकार ने रामायण में आए लंका प्रकरण से जुड़े तमाम स्थलों पर शोध करवा कर उनकी ऐतहासिकता सिद्ध कर इन स्थानों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना ली है। आपको बता दे कि इस योजना में भारत भी मदद कर रहा है।
ऐसा माना जाता है कि रैगला के जंगलों के बीच एक विशालकाय पहाड़ी पर रावण की गुफा है, जहां उसने घोर तपस्या की थी. उसी गुफा में आज भी रावण का शव सुरक्षित रखा हुआ है. इसके इलावा रैगला के उन घने जंगलों और गुफाओं में कोई नहीं जाता, क्योंकि वहां जंगली और खूंखार जानवरों का बसेरा है। आपको बता दे कि रैगला के इलाके में रावण की यह गुफा 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है. जहां 17 फुट लंबे ताबूत में रावण का शव रखा गया है. इस ताबूत के चारों तरफ एक खास लेप लगा है, जिसके कारण यह ताबूत हजारों सालों से ज्यों का त्यों रखा हुआ है।
गौरतलब है कि मिस्र में प्राचीनकाल में ममी बनाने की परंपरा थी, जहां आज भी पिरामिडों में हजारों साल से कई राजाओं के शव रखे हुए हैं. ऐसे में यह भी जानना जरूरी है कि उस समय शैव संप्रदाय में समाधि देने की रस्म थी या नहीं। दरअसल रावण शैवपंथी था। इसके साथ ही रावण एल्ला नाम से एक झरना है, जो एक अंडाकार चट्टान से लगभग 25 मीटर यानि 82 फुट की ऊंचाई से गिरता है।
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