गुम की तलाश में खुद हो गया गुम
कोलकाता टाइम्स :
बेनेडिक्ट एलन ने कुछ दिन पहले ट्वीट किया कि उसे खोजा ना जाये और उसकी ये लाइने जैसे कोई संकेत बन गयीं क्योंकि उसके बाद से लापता है। दुनिया के गुमनाम हिस्से खोजने का शौकीन एलन को बीते रविवार को हांगकांग में किसी से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुलाकात करनी थी पर वो वहां नहीं पहुंचा, और अब तक उसका कोई पता नहीं है।
बेनेडिक्ट के परिवार का कहना है कि वो न्यू पापुआ गिनी में एक अनजाने से आदिवासी इलाके की यात्रा पर जाना चाहता था जिसे उसने करीब 30 साल पहले खोजा था। याफ़ो नाम की ये जनजाति आज भी बाहरी दुनिया से कटी हुई है और वहां जाना खतरनाक है। सूत्रों के अनुसार पुलिस उसे उसी अविकसित इलाके में ढूंढने का प्रयास कर रही है जहां एलन के पायलट ने कुछ हफ्तों पहले छोड़ा था।
ये भी पता चला है कि बेनेडिक्ट के पास किसी तरह का आधुनिक साज समान जैसे जीपीआरएस वाले गैजेट या सैटेलाइट फोन नहीं हैं। ऐसे में कहना कठिन है कि वो जंगल से बाहर आने का रास्ता कैसे खोजेगा। उसके बताये गए तथ्यों के आधार पर कहा जा रहा है कि कि एलन को लगता था कि जगल के भीतर इन चीजों का कोई फायदा नहीं और वो शायद पैदल या जंगली नदी नालों से होकर छोटी नावों की मदद से बाहर आयेगा।
हाल ही में कुछ लोगों ने दावा किया है एलन जंगल में अपने पुराने साथियों के साथ है। उसे कोई बीमारी या दूसरी तकलीफ नहीं है लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि वो पूरी तरह सुरक्षित है। इन लोगों का दावा है बेनेडिक्ट ने उनसे उस इलाके से बाहर निकालने में मदद करने के लिए कहा है। इन लोगों ने कहा है कि सुरक्षा संस्थाओं की मदद से एलन को बाहर लाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।