नहीं भई दूल्हा कहाँ ? यहां तो दो दुल्हनें लेती हैं सात फेरे, वजह है कुंवारे देवता
कोलकाता टाइम्स
शादी को लेकर दुनियाभर में आज भी बहुत सी परंपराए निभाई जाती है। शादी को लेकर भारत के कई गांव में आज भी अजीबो-गरीब प्रथाएं आज भी मौजूद है। आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताने जा रहें है जहां पर प्रथा के नाम पर दो लड़कियां आपस में शादी कर लेती है। गुजरात के छोटे से गांव में पुराने समय से चली आ रही इस प्रथा को लोग आज के आधुनिक समय में भी मानते है।
गुजरात के उदयपुर में प्राचीन समय से चली आ रही इस प्रथा के चलते दो लड़कियों की आपस में शादी कर दी जाती है। इस प्रथा के अनुसार दूल्हें की बहन इन सारी रस्मों को निभाती है। उदयपुर के सुरखेड़ा, अंबाला और सनाड़ा में रहने वाले राठवा समाज में यह प्रथा 300 सालों से निभाई जा रहीं है।
यहां दूल्हें की बहन लड़की के साथ वरमाला से लेकर सात फेरों तक की सारी रस्में निभाती है, जो आमतौर पर लड़के को निभानी चाहिए। यहां तक की घोड़ी पर भी दूल्हें की कुवांरी बहन को ही चढ़ाया जाता है। शादी के बाद ननंद अपनी भाभी को ससुराल लेकर आती है और दोबारा उस लड़की की शादी दूल्हें से करवाई जाती है।
लोगों का मानना है कि इस गांव के सारे देवता कुवांरे है। जिसके कारण कोई भी मर्द बारात लेकर दुल्हन के घर नहीं जा सकता।