भारत की इस जगह पर भाई-बहन की एंट्री है बैन
कोलकाता टाइम्स भारत में जितने धार्मिक स्थल है, उससे कहीं ज्यादा ऐतिहासिक स्थल हैं। उन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश की ये मीनार। जिसकी बारे में जानकर आप चौक जाएंगे। ऐसा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के मीनार में सिर्फ कपल्स या पति पत्नी ही जा सकते हैं। भाई-बहन का जाना यहां है मना। चलिए हम आपको बताते हैं इस के पीछे की सच्चाई और क्यों है ये मीनार लोगों के बीच इतनी खास।
यह मीनार उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में है। जिसकी उंचाई 210 मीटर है। इसे लंका मीनार के नाम से भी जाना जाता है। इसे बनाने के लिए ईट,पत्थर, और बालू से नहीं बल्कि घर की चीजों उड़द की दाल,शीप, कौड़ियों का इस्तेमाल किया गया है।
यह मीनार देशभर की सबसे ऊंची मीनारों में से एक मानी जाती है। इसके पास 100 फुट ऊंची कुंभकर्ण और 65 फुट ऊंची मेघनाथ की मूर्ति भी है। इसके अलावा मीनार के सामने भगवान शंकर और चित्रगुप्त की मूर्ती लगी है। इस मीनार की ऐतिहासिक खूबी यह है कि इसमें केवल रावण नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार का चित्र देखने को मिलेगा। कई पौराणिक घटनाओं को भी यहां चित्रों में उकेरा गया है।
आपको बता दें इस मीनार के पास हर साल नाग पंचमी के दिन मेला लगता है। इसके अलावा यहां पर दंगल भी होते रहते है।
मीनार का निर्माण : इस मीनार को साल 1875 में रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले मथुरा प्रसाद निगम ने बनवाया था। उस समय इसे बनाने में 1 लाख 75 हजार रुपए लगे थे। इस मीनार को बनाने में लगभग 20 साल लगे थे।
यहाँ भाई-बहन का जाना क्यों है मना : हिंदू शास्त्रों के अनुसार विवाह में सात फेर लेने से लड़का-लड़की विवाह के बंधन में बध जाते है। इसी तरह इस मीनार की छत में पहुंचने के लिए घुमावदार रास्ता है। जो कि पूरे 7 फेरे कराता है। जिसकी वजह से यहाँ भाई-बहन का जाना है मना।